उत्तरप्रदेश| उत्तरप्रदेश में जारी सियासी द्वंद के बीच जहां पूरा प्रदेश यह कयास लगाए बैठे हैं की अगर बीजेपी की पुनः सरकार बनी तो प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें एक बार पुनः योगी आदित्यनाथ ही मिलेंगे। वहीं मऊ से पूर्व बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर ने भरी सभा में यह ऐलान किया है की भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी यूपी प्रदेश उपाध्यक्ष व एमएलसी एके शर्मा भविष्य के मुख्यमंत्री हो सकते है।
उन्होंने एक मंच से संकल्प लेते हुए कहा, वह आगमी समय मे शर्मा जी के नेतृत्व में काम करेंगे और उत्तरप्रदेश में एक बार फिर मुख्यमंत्री का चेहरा बदलेगा। भाजपा सांसद के इस बयान के बाद उत्तरप्रदेश की राजनीति में एक अलग ही खलबली मच गई है क्योंकि अभी तक जनता के बीच यही संदेश जा रहा था की भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बदलेगी।
जानकारी के लिए बता दें इससे पूर्व भी भाजपा में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर काफी खींचातानी देंखने को मिल चुकी है और इस पद के लिए केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी सुर्खियों में रहा है। लेकिन कुछ समय बाद भाजपा ने इन अटकलों को दर किनारे कर योगी और विकास के नाम पर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की है।
भाजपा को योगी ब्रांड से है कितना फायदा:-
मोदी के बाद योगी भाजपा के लिए संजीवनी बूटी सबित हुए हैं और लोग योगी मोदी की जोड़ी को काफी पसंद भी करते हैं। देश का एक बड़ा वर्ग केंद्र के कर्ता मोदी और यूपी में है योगी के सनर्थन में है। लेकिन यह वर्ग है कौन यह कभी सोंचा है आपने? यह वह वर्ग है जो हिंदुत्व का चोला पहने हुए हैं और सनातनी परम्पराओ को मानता है जिसे स्कूलों से ज्यादा मंदिर निर्माण पर गर्व है और रोजगार से ज्यादा धर्म के व्यापार पर। लेकिन योगी लहर का प्रभाव कम होता दिखाई दे रहा है जनता के बीच योगी के लिए गुस्सा है जिन लोगों के परिजन कोविड के दौरान नहीं रहे उन्हें स्वास्थ्य विभाग में हुए झोलमोल के सभी जुमले स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं वहीं युवाओं में रोजगार को लेकर योगी सरकार के प्रति आक्रोश है। लेकिन इन सबके बाबजूद भी योगी ब्रांड भाजपा के लिए जीत का तोहफा ला सकती है क्योंकि भले इनसे युवा नाराज हैं लेकिन धार्मिक समीकरण से लोगों के मन को भेदने में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी और समाज को दो खेमे में बांट एक हिन्दू वोट बैंक कहीं न कहीं हथिया लिया है।