लखनऊ: सूबे की योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों पूरे होने पर जनता के सामने जहां अपनी उपलब्धियां रख रही है, इसी बीच ट्रांसफर में हुए खेल ने भूचाल ला दिया है. सरकार में दो कद्दावर और एक राज्य मंत्री चर्चा के केंद्र बन गए हैं. जिनमें उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद और जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक का नाम शामिल है. सबसे पहले उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य महकमे में तबादलों पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों से जवाब माँगा तो वहीं जितिन प्रसाद के लोक निर्माण विभाग में ट्रांसफर गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएम योगी के एक्शन ने खलबली मचा दी.
तीसरे मंत्री दिनेश खटीक हैं, दिनेश खटीक ने भी ट्रांसफर की एक लिस्ट अधिकारियों को सौंपी थी लेकिन एक भी ट्रांसफर नहीं हुआ तो खींचतान बढ़ गई. दरअसल यूपी में तबादला नीति जारी होने के बाद बड़े पैमाने पर पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य समेत तमाम विभागों में बंपर ट्रांसफर किए गए. जब इसमें भ्रष्टाचार की शिकायत आई तो सबसे पहले उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठे. हैदराबाद में हुई बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से वापस आने के बाद डॉक्टरों ने बृजेश पाठक से मुलाकात कर ट्रांसफर में हुए खेल की शिकायत की थी.
जिसके बाद बृजेश पाठक ने पत्र लिखकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन से जवाब माँगा था. जो ट्रांसफर हुए हैं उसमें आरोप लगाए गए हैं कि तबादला नीति को पूरी तरह से दरकिनार कर एक जिले में तैनात पति-पत्नी का अलग-अलग जगह पर भेज दिया गया. इसके साथ ही अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी को नजरअंदाज कर डॉक्टरों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया. जबकि वहां पर डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं की गई.ब्रजेश पाठक के पत्र के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जांच कमेटी बनाकर रिपोर्ट मांगी.