बरेली : ”देने वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के ” ये फ़िल्मी गीत हर किसी का सपना हो सकता है। क्योंकि हर कोई चाहता है कि, उसे कही से मोहरो से भरा कलश , कोई नोटों से भरा बैग मिल जाए और वो कुछ ही पलों में मालामाल हो जाएं। लेकिन असल ज़िन्दगी में ये किसी सपने की तरह ही लगता होगा , लेकिन अगर हम आप से कहे एक मजदूर के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है, तो शायद यकीन करना मुश्किल होगा। लेकिन बरेली के हाफिजगंज क्षेत्र के कुंवरपुर बंजरिया गांव में एक ऐसा ही चमत्कार देखने को मिला है। यहां खेतों में जुताई के समय मजदूर को एक चांदी की मोहरो से भरा हुआ कलश मिला है। इन चांदी के सिक्को की तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया ओर वायरल हो रही है।

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बताया जा रहा है कुंवरपुर बंजरिया गाँव में एक किसान सुखपाल ने खेत की मिट्टी बेची थी। जमीन को समतल कराने के बाद शुक्रवार को वह ढेंचा की फसल बोने के लिए ट्रैक्टर से जुताई करा रहे थे। इसी दौरान किसान को अपने खेत से एक कलश मिला है। यह कलश चांदी के सिक्को से भर हुआ है। कलश में मिले सिक्के मुगल कालीन बताए जा रहे है। खेत में कलश मिलें की बात सुनकर खेत में भीड़ इकठ्ठा हो गयी। इस बात की जानकारी होते ही पुलिस प्रशासन इस मामले की पड़ताल में लग गया है।

 

 

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