धर्म कर्म: केवल एक-दो की मदद करने के बजाय पूरा का पूरा सतयुग ही इस धरती पर लाकर सम्पूर्ण मानव जाति को सुख पहुंचाने के विशाल उद्देश्य में 24×7 लगने वाले, सब काम तो खुद पूरा कर चुके हैं लेकिन अपने भक्तों को भी इसमें लगने की प्रेरणा देकर उन्हें श्रेय दिलाने वाले, गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने, गौ ह्त्या के लिए फांसी की सजा का प्रावधान बनाने की प्रार्थना करने वाले, इस समय के महापुरुष जिन्हें लोग अभी पहचान नहीं पा रहे हैं।
ऐसे पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, लोकतंत्र सेनानी उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने पुणे में बताया कि अब सतसंग और नामदान कार्यक्रम आगामी ज्येष्ठ पूर्णिमा को तीर्थराज पुष्कर अजमेर में फिर 10-11 जून को लखनऊ में होगा। वहां भारी संख्या में लोकतंत्र सेनानियों का भी सम्मान होगा। जैसे महाभारत पहले ही हो गया था, अर्जुन ने श्रेय लिया, ऐसे ही आप सतयुग लाने के अच्छे काम में अपने सामर्थ्य के अनुसार लग कर श्रेय ले लो। सतयुग आने का संकेत आपको दे दिया गया है।