धर्म-कर्म : इतिहास से पन्नों से मिलने वाली शिक्षा को बताने समझाने वाले, वक़्त के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि, ये रूहों को निजात दिलाने, जीवात्मा को अपने घर पहुंचने की आध्यात्मिक विद्या ख़त्म नहीं होगी। बल्कि आगे लाखों लाख की भर्ती इसमें रोज होने लग जाएगी।

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तपस्वी रावण भी शराब, मांसाहार, चरित्रहीनता की वजह से ख़त्म हो गया था। ठीक उसी तरफ आज फैशन के नाम उन्ही बुराइयों को अपनाने वाले लोगों को भविष्य मेंभयंकर परिणाम भोगने पड़ेंगे। इसलिए लोगों को समझाओ, शाकाहारी नशा मुक्त बनाओ। इससे आपकी भी बचत होगी क्योंकि मुसीबत वाली जगह पर आप भी रहते हो। महाराज जी ने कहा की, आने वाला समय बहुत खराब है। अगर समय रहते प्रभु को नहीं पुकारोगे तो कभी भी इस माया के लोक से आजाद नहीं हो सकते हो। बाबा जी ने कहा की, प्रार्थना ऐसी करो कि सुनवाई हो जाए, ताकि तुम जहाँ से आए हो उस लोक अपने घर, अपने प्रभु के पास वापस जा सको। आप भी सुनिए रावण और पुल्सत्य ऋषि का ये शिक्षाप्रद प्रसंग।

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