धर्म कर्म: इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जैसे हनुमान की पूजा हुई, गोपी और ग्वालों की रासलीला रचाई जा रही। जीवों की रक्षा के लिए जो उन्होंने काम किया, उस काम में अगर लगोगे, इसी तरह से आपका भी नाम हो जाएगा जैसे महात्माओं का, योगी योगेश्वरों का काम के आधार पर नाम हुआ, जैसे सन्तों का नाम हुआ। प्रेमियो! जान बचाना और भटके को रास्ता बताना बड़ा पुण्य का काम होता है।
लोग प्रकृति के खिलाफ बहुत काम कर रहे हैं, समझाओ, उसके क्रोध से बचाओ
इस समय नजर फैलाओ तो देखोगे कि प्रकृति के खिलाफ बहुत लोग काम कर रहे हैं। जैसे घर-परिवार, जाति-बिरादरी, समाज, देश का नियम होता है, ऐसे ही भगवान का भी नियम होता है। जैसे उनके नियमों को तोड़ने पर सजा मिलती है ऐसे ही भगवान के नियम के खिलाफ जो लोग काम करेंगे तो सजा मिलेगी। अभी तो आजाद कर दिया, आंख कान हाथ पैर से कुछ भी करो लेकिन फल भोगने के लिए आजादी नहीं मिली। एक दिन, आगे-पीछे, अपनी करनी का का फल भोगे का परी।
जस करनी तस भोगो ताता, नरक जात फिर क्यों पछताता
शरीर छोड़ने के बाद नरकों में जाना पड़ता है। बड़ी तकलीफ होती है। (अकाल मृत्यु होने पर) प्रेत योनि में जाना पड़ता है। उससे तो लोगों को बचाना ही है। उससे जब बचाओगे तो कहा गया जीव की रक्षा करना बहुत बड़ा पुण्य का काम होता है। जीव की रक्षा करो। कब क्या हो जाए, यह आप नहीं जानते हो। कल की जानकारी आपको नहीं है। भले ही कल के लिए आप सब इंतजाम करते रहो, कल के लिए इकट्ठा करते रहो, धन-दौलत बच्चों के लिए सोचते रहो, अपने दुकान दफ्तर खेती कल-कारखानों के लिए सोचते रहो लेकिन कल किसी ने नहीं देखा है।
दुनिया वालों को तीसरे दिन मिलेगा तो आपको दूसरे दिन मिलेगा
यह बात और बता देता हूं। अगर गुरु पर भरोसा करोगे, गुरु पर अगर छोड़ोगे, अपना कर्तव्य करते जाओगे तो अन्य लोगों से ज्यादा फल आपको कर्मों का मिलेगा। अगर लोगों को तीसरे दिन तो आपको दूसरे दिन मिलेगा। अगर दूसरे दिन लोगों को मिलेगा तो आपको एक टाइम मिलेगा। गुरु महाराज देंगे। सब जगह मौजूद है, अपने जीवों की रक्षा कर रहे हैं। अपने अपनाए हुए जीवों की रक्षा कर रहे हैं। अपने अपनाए हुए जीवों को संदेश दिला रहे हैं। अन्य जीव जो उनके नाम पर आते हैं, उनको भी वही संभाल रहे हैं। वह आपको देंगे, आप चिंता मत करना।