UP : उत्तर प्रदेश में पेपर लीक मामले को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। एक ओर कांग्रेस ने पेपर लीक को लेकर लखनऊ में विधानसभा का घेराव कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, वही दूसरी ओर अब अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कस्ते हुए कहा है कि, ‘भाजपाइयों’ की है यही पहचान, झूठों को काम, झूठों को सलाम। उन्होंने कहा कि, यूपी की भाजपा सरकार साबित करे कि वो इन अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ। गुजरात भेजकर उसकी संपत्ति से खामियाजा वसूलने की हिम्मत दिखाए।
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक और गुजरात की कंपनी से इसके कनेक्शन को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि, ये आरोप बेहद गंभीर है कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करवानेवाली गुजरात की कंपनी का ही, पेपर लीक करवाने में हाथ है और अब उसका मालिक जब सफलतापूर्वक विदेश भाग गया, तो उत्तर प्रदेश सरकार उसके बारे में जनता को जानकारी दे रही है। वहीँ सिर्फ दिखावे के लिए उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
‘भाजपाइयों’ की है यही पहचान
झूठों को काम, झूठों को सलामये आरोप बेहद गंभीर है कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करवानेवाली गुजरात की कंपनी का ही, पेपर लीक करवाने में हाथ है और उसका मालिक जब सफलतापूर्वक विदेश भाग गया, उसके बाद ही उप्र सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया और…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 21, 2024
हर कंपनी की हो जांच:-
आगे सपा प्रमुख ने मांग करते हुए कहा कि, यूपी सरकार उस कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ एफआईआर की कॉपी सार्वजनिक करे। साथ ही यूपी में काम करनेवाली हर कंपनी के इतिहास और उसकी सत्यनिष्ठा-गुणवत्ता की जांच की जाए। इस परीक्षा के आयोजन से संबंधित कंपनी ही नहीं बल्कि हर एक संलिप्त मंत्री या अधिकारी की भी जांच हो।
अखिलेश यादव ने की मांग:-
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि, हम मांग करते हैं कि यूपी में काम कर रही या काम करने की इच्छुक हर बाहरी कंपनी की गहन जांच हो और सब कुछ सही पाये जाने पर ही काम दिया जाए। जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक उसे उसके काम से मुक्त रखा जाए और संलिप्तता सिद्ध होने पर बर्खास्त करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही ये भी मांग है कि उप्र की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाए और केवल तभी बाहरी कंपनियों को काम दिया जाए जब यूपी के सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों या स्थानीय कंपनियों के पास कार्य को समय की सीमा में गुणवत्तापूर्वक संपन्न कराने या उतने बड़े काम नहीं करने के अनुभव का अभाव हो।