UP POLITICS: उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। पार्टी का उद्देश्य बूट स्तर तक नए कार्यकर्ताओं को आगे लाना है। अगले तीन महीनों में इस बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, जिसकी रूपरेखा हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में तय की गई।

लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद, विशेष रूप से हारी हुई सीटों पर बदलाव की योजना है। इसमें दो से तीन कार्यकाल पूरा कर चुके जिलाध्यक्षों को प्राथमिकता के साथ बदला जाएगा। अपना कार्यकाल पूरा कर चुके भूपेंद्र चौधरी की जगह नया प्रदेश अध्यक्ष लाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा संगठन में बदलाव की शुरुआत उन जिलों से होगी जहां पार्टी को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी ने 64 सीटों से गिरकर 33 सीटें हासिल की थीं, और अब इन सभी सीटों पर बदलाव की योजना बनाई गई है। जातीय समीकरणों का ध्यान रखते हुए दो से तीन कार्यकाल पूरे कर चुके जिला और महानगर अध्यक्षों को भी बदला जाएगा, और उनकी सूची तैयार कर ली गई है।

कुछ जिलाध्यक्षों के खिलाफ अनुशासनहीनता की शिकायतें मिली हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हाल में हुए सदस्यता अभियान में रुचि न दिखाने वाले जिलाध्यक्षों पर भी गाज गिर सकती है। इसके अलावा, बूथ और मंडल स्तर तक भी संगठन में व्यापक बदलाव किए जाने की योजना है।

जल्द ही होगा संगठनात्मक चुनाव

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में यूपी से सदस्यता अभियान में किए गए प्रयासों की सराहना की गई। प्रदेश में डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय चुनाव समिति का गठन किया गया है, जो संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया को तेज करेगी। जानकारी के अनुसार, 25 अक्टूबर तक सभी जिला चुनाव अधिकारियों की घोषणा की जाएगी, और मंडल संगठन पर्व सहयोगियों के नाम भी सार्वजनिक किए जाएंगे। 27 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जबकि 5 नवंबर तक जिला स्तरीय कार्यशालाएं होंगी। इसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी, जिससे पार्टी संगठन में और मजबूती आएगी।

 

 

 

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