RamBhadracharya Maharaj On Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान, जिसमें उन्होंने नए मंदिर-मस्जिद विवादों पर चिंता जताई थी, अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। मोहन भागवत ने पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के दौरान यह कहा था कि हाल के समय में मंदिर-मस्जिद को लेकर नए-नए विवाद उठाए जा रहे हैं, और यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है। उनके अनुसार, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग अन्य स्थानों पर इसी तरह के विवाद उठाकर हिंदू समुदाय के नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मानना था कि इस तरह के विवादों को रोका जाना चाहिए, क्योंकि ये देश की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं।
Mumbai, Maharashtra: On RSS chief Mohan Bhagwat statement, Jagadguru Rambhadracharya says, "I completely disagree with the speech of Mohan Bhagwat. I do not agree at all…" pic.twitter.com/m9twO5bbip
— IANS (@ians_india) December 22, 2024
मोहन भागवत ने कहा कि इस तरह के विवादों को रोकने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह रणनीति देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है। रामभद्राचार्य महाराज ने अब मोहन भागवत के बयान पर कहा है कि मैं उनके बयान से बिलकुल सहमत नहीं हूं। रामभद्राचार्य ने यह भी कहा कि मोहन भागवत मेरे अनुशासक रहे हैं और हम उनके अनुशासक हैं। लेकिन इस मुद्दे पर उनके विचार अलग हैं। रामभद्राचार्य के इस बयान ने मोहन भागवत के विचारों को चुनौती दी है, और इस मुद्दे पर एक नई बहस की शुरुआत की है।