लखनऊ: लखनऊ में कैब ड्राइवर को थप्पड़ मारने वाले मामले में नया मोड़ सामने आया है। कैब ड्राइवर ने दावा किया है कि थप्पड़ मारने वाली लड़की पुलिस की मुखबिर है। कैब ड्राइवर सादत अली सिद्दीकी की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक 30 जुलाई की रात वह घर लौट रहा था, जैसे ही वह नहरिया अवध चौराहे पर पहुंचा तो रेड लाइट हो गई और वह रुक गया उसी दौरान अचानक एक युवती आई और खिड़की में हाथ डाल मेरा गला पकड़ लिया।

इसके बाद उसने मुझे खींचकर कार से बाहर निकाल। लड़की ने गाड़ी के अंदर रखा मेरा मोबाइल फोन लिया और डैशबोर्ड में रखे लगभग 600 रुपये भी लूट लिए। लड़की ने मेरा मोबाइल फोन उसने सड़क पर पटक तोड़ दिया। मैं लड़की से मैं पूछता रहा कि मेरा अपराध क्या है, लेकिन वो महिला 10 मिनट तक लगातार मुझे थप्पड़ मारती रही। कैब ड्राइवर ने बताया कि पुलिस ने पिटाई करने वाली महिला का ही पक्ष लिया और मुझे पकड़कर थाने ले गई और लॉकअप में बंद कर दिया गया। फिर 30 जुलाई की देर रात करीब 1 बजे मेरे भाई इनायत अली और दाऊद अली थाने पहुंचे।

एफआईआर में कैब ड्राइवर ने आगे कहा कि मेरे भाइयों ने पकड़ने की वजह के बारे में पूछा तो पुलिस ने उन दोनों को भी हवालात में बंद कर दिया, जबकि वीडियो देखकर स्पष्ट है कि ये दोनों मौके पर नहीं थे। इसके बाद भी पुलिस ने दोनों के साथ जबर्दस्ती की और हम तीनों के खिलाफ पुलिस ने शांति भंग करने का मामला दर्ज कर कार्रवाई की। कैब ड्राइवर ने दावा किया कि उसकी पिटाई करने वाली लड़की प्रियदर्शिनी नारायण उर्फ लक्ष्मी पुलिस की मुखबिर है। कृष्णा नगर थाने की पुलिस ने ये बात खुद कही थी। कैब ड्राइवर ने लिखा कि पुलिस मुखबिर होने की वजह से ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

कैब ड्राइवर का आरोप लगाया कि पुलिस ने गिरफ्तार करने के अगले दिन उससे 10 हजार रुपये लिए तब जाकर मुझे और मेरी गाड़ी को छोड़ा था। उसने कहा कि कृष्णा नगर थाने के पुलिसकर्मियों और मुखबिर महिला की जांच किसी दूसरे थाने की पुलिस या सीनियर अधिकारी से कराई जाए। ऐसा करने पर ही उसे इंसाफ मिल सकेगा।

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