जीव हत्या पाप है, जो मनुष्य में जीवात्मा हैं, वही कीडे- मकोड़े में है: उमाकांत जी महाराज
धर्म कर्म: जान-अनजान में बनते पाप कर्मों की वजह से आगे मिलने वाली भारी सजा से बचाने के लिए सबको सही चीज का ज्ञान-भान कराने वाले, इस समय के पूरे…
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