बाबा उमाकान्त जी ने बताया: मन पाप कर्म कब करवाता है
धर्म-कर्म: विभिन्न तरीकों से अपने अपनाए जीवों के कर्म कर्जों, लेने-देने को आराम से, हलके में ही अदा करवा कर जीवात्मा की मुक्ति मोक्ष का रास्ता प्रशस्त करने वाले, इस…
धर्म-कर्म: विभिन्न तरीकों से अपने अपनाए जीवों के कर्म कर्जों, लेने-देने को आराम से, हलके में ही अदा करवा कर जीवात्मा की मुक्ति मोक्ष का रास्ता प्रशस्त करने वाले, इस…