लखनऊ। पिछले दो सालों से दुनिया को बुरी तरह से प्रभावित करने वाली कोरोना महामारी का अभी तक अंत सुनिश्चित नहीं हो सका है। दुनियाभर के साइंटिस्ट इस वायरस की दवा खोजने में लगे रहे। अभी तक वैक्सीन से ज्यादा कुछ हाथ नहीं लग सका है। अभी तक वैक्सीन लगवाने की उम्र, इससे जुड़े परहेज और दोनों वैक्सीन के बीच कितना समय होना चाहिए, ऐसे सवाल ही वैक्सीन लगवाने वालों के जहन में आते रहे होंगे। लेकिन अब एक नई स्टडी में वैक्सीन लगवाने के समय को लेकर भी बड़ी बात सामने आई है। मतलब ये है कि वैक्सीन किस टाइम पर लगवाई जाए, जिससे वो ज्यादा इफेक्टिव हो, इस पर भी एक नई स्टडी में काफी कुछ बताया गया है।
डॉक्टरों द्वारा की गई इस स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना की वैक्सीन अगर सुबह की बजाय दोपहर में लगवाई जाए तो ये ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि दोपहर में एंटीबाडी का स्तर अधिक होता है। इस स्टडी के निष्कर्षों को बायोलॉजिकल रिदम नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। ये स्टडी बताती है कि 24 घंटे में शरीर के अंदर कई बदलाव होते हैं, इनमें संक्रामक रोगों के खिलाफ प्रतिक्रिया और टीकाकरण भी शामिल है।
कई बीमारियों की प्रतिक्रिया दिन के समय भिन्न होती है
इस स्टडी के मुताबिक, कई बीमारियों के लक्षण और दवाओं की प्रतिक्रिया दिन के समय में भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, फेफड़े की बीमारियों से पीड़ितों को दिन के एक निश्चित समय में ज्यादा परेशानी होती है। इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लेने वाले बुजुर्ग पुरुषों की एक स्टडी से पता चला है कि जब उन्हें दोपहर की तुलना में सुबह में टीका लगाया गया, तो उनमें एंटीबाडी का लेवल अपेक्षाकृत कम था। हालिया स्टडी में ब्रिटेन के 2,190 हेल्थ वर्कर्स पर कोविड टीकाकरण का परीक्षण किया गया। कीमोथेरेपी भी दिन के किसी खास समय में ज्यादा प्रभावी साबित होती है।
बूस्टर डोज को लेकर भी चर्चाएं तेज
आपको बता दें कि अब जब इसके नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने भी दस्तक दे दी है। इस बीच देश-दुनिया में कोरोना वायरस वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए बूस्टर डोज लगाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। हालांकि भारत में इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ। https://gknewslive.com