लखनऊ: मनुष्य को गलत खान-पान से दूर रहने की समझ और प्रेरणा देकर आध्यात्मिक तरक्की का मार्ग प्रशस्त करने वाले इस समय के महान समाज सुधारक बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 17 दिसंबर 2021 को कानपुर में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित संदेश में बताया कि मांस मनुष्य का भोजन नहीं है यह खून को बेमेल कर देता है और तरह-तरह की बीमारियां पैदा हो जाती है। डॉक्टर भी नहीं पता लगा पाता है और बुद्धि भी खराब होती है। खून जब गर्म होता है तो क्रोध बढ़ जाता है।
मांसाहारी आदमी कभी दयालु हो ही नहीं सकते
अक्सर यह देखा जाता है मांसाहारी लोग ज्यादा कामी क्रोधी होते हैं। वो कभी दयालु नहीं हो सकते। पाप लगता है। कहोगे कि हम तो मांस खरीद कर लाते हैं, हिंसा-हत्या नहीं करते हैं लेकिन पाप सबको लगता है। आप अगर मांस खाना बंद कर दो तो जानवर का कटना बंद हो जाएगा, उनकी जान बच जाएगी। प्रभु के अंश जीवात्मा है। कहते हैं-
मत सता गरीब को नही तो रो देगा।
जब सुनेगा उसका मालिक जड़ से खोदेगा।।
जो गल काटे और का, अपना रहा कटाय।
साहब के दरबार में, बदला कहीं न जाए
बदला देना पड़ेगा। कर्मों का देश है, कोई बच नहीं पाएगा। कर्मों की सजा मिल जाएगी इसलिए दया करो नहीं तो पाप के भागीदार बन जाओगे। जो जानवरों को मारता है, काटता है, लाता है, पकाता है, खाता है, खिलाता है- सबको बराबर पाप लगता है इसलिए बच्चियों घर में नहीं आना चाहिए। मछली तालाब के सफाई के लिए बनाई गई। कोई भी गंदी चीज डाल दो मछली खाती है। जब मर जाती है तब पानी के ऊपर तैरती है। गिद्ध और कौवे खाते हैं। उनके आहार के लिए बनाया गया।
तिल भर मच्छी खाइके, कोटि गऊ करे दान।
काशी करवट ले मरे, निश्चय नर्क निदान।।
मछली अब मत खाना। जान-अनजान में खाए तो माफी मांग लो उस प्रभु से।
मुर्गियों के खराब खून, उनके टट्टी-पेशाब का खराब हिस्सा इकट्ठा होकर बनता है अंडा
अंडा मत खाना न बच्चों को खिलाना। कभी भी अंडा खाने से बीमारी दूर नहीं होती, शरीर स्वस्थ नहीं होता बल्कि और बीमारियां पैदा हो जाती है। माताएं मासिक धर्म होती है, खराब खून इकट्ठा हो जाता है, बच्चा बन जाता है। मुर्गियों का खराब खून, उनके टट्टी-पेशाब का खराब हिस्सा इकट्ठा होकर अंडा बन जाता है। अंडा मत खाना बहुत गंदी चीज है।
ये जितने अपराध और भ्र्ष्टाचार हो रहे हैं सब शराब की वजह से हो रहे हैं
शराब मत पीना, शराब में 1000 बुराइयां हैं। मुसलमानों की किताबों में लिखा है की एक कतरा भी शराब का जिस्म पर पड़ जाए तो उसे काटकर फेंक देना चाहिए। हिंदुओं की किताब में लिखा है-
गंगाजल कृत बराहू जाना।
तदक न सन्त करै ताहि पाना
गंगाजल जैसे जल में शराब बनाई गई हो तो भी नहीं पीना चाहिए।
ऐसे नशे का सेवन मत करना जिससे मां, बहन, बेटी की पहचान आंखों से खत्म हो जाए
भांग, गांजा आदि है, अब तो बहुत सी नशे की गोलियां चल गई है। ऐसे नशे की चीजों को मत खाना कि जिससे पागल से हो जाओ, बुद्धि खराब हो जाए, मां-बहन की पहचान खत्म हो जाए, ऐसा कोई काम मत करना।
प्रभु प्राप्ति का रास्ता नामदान लो और गुरु दक्षिणा में अपनी सारी बुराइयां दो
देखो बच्चों! दूसरी औरत के साथ बुरा कर्म मत करना। बच्चियों! दूसरे पुरुष के साथ बुरा कर्म मत करना। आपको अब नामदान देता हूं। यह जो बुराइयां छोड़ोगे, वही सबसे बड़ी होगी दक्षिणा, यही छोड़ जाओ।