Politics| जिस परिवान वाद के हथकंडे का उपयोग कर भाजपा आए दिन विरोधी दलों को घेरती नज़र आती है आज वही परिवार वाद खुद भाजपा के गले का कांटा बन गया है । जहां पार्टी के बडे़ पदाधिकारी परिवारवाद का विरोध करदे हैं वहीं दूसरी ओर उन्ही की पार्टी के दिग्गज नेता अपने बाद अपने ही परिवार के सद्स्यों को टिकट दिलाना चाहते हैं ।
परिवारवाद की राजनीति को आगे बढा़ने मे भाजपा के कई नेताओं का नाम सामने आया है जो अपने परिवारजनों को टिकट दिला कर राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान अपने बेटे रामविलास चौहान के लिए मऊ की मधुबन सीट से टिकट मांग रहे हैं। तो वहीं
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह गौतमबुद्धनगर से अपनी दावेदारी जता रहे हैं, जबकि राजनाथ सिंह के छोटे बेटे नीरज सिंह लखनऊ कैंट या लखनऊ उत्तरी से टिकट चाहते हैं।
प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ कैंट से टिकट चाहती हैं । 76 वर्ष के मुकुट बिहारी वर्मा भी अपने बेटे गौरव वर्मा के लिए कैसरगंज से टिकट चाह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित अपने बेटे दिलीप दीक्षित के लिए उन्नाव की पुरवा सीट से टिकट की मांग कर रहे है।
कौशल किशोर अपने बेटे विकास किशोर को महिलाबाद और दूसरे बेटे प्रभात किशोर को सीतापुर की सिधौली सीट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल अपनी पत्नी के लिए टूंडला से टिकट चाहते हैं ।
कानपुर नगर के सांसद सत्यदेव पचौरी भी अपने बेटे अनूप पचौरी के लिए कानपुर नगर की गोविंद नगर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र अपने बेटे अमित मिश्रा के लिए देवरिया से टिकट मांग रहे है।
लेखिका – कीर्ति गुप्ता