प्रतापगढ़: लालगंज तहसील में तैनात नायब नाजिर हत्याकांड को लेकर रविवार को अवकाश के दिन होने के बावजूद तहसील परिसर में माहौल गर्म दिखा। तहसील में जमा हुए कर्मचारियों तथा अधिवक्ताओं में इस बात का गुस्सा दिखा कि तत्कालीन एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह के द्वारा कर्मचारी की बर्बरता पूर्वक पिटाई से घायल नाजिर का समुचित उपचार समय से नही हो सका । यही नही लोगों में इस बात का भी गुस्सा दिखा कि मृतक नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा के द्वारा घटना के दिन ही अपने ऊपर प्राणघातक हमले की पुलिस को तहरीर दी गयी। इसके बावजूद पुलिस ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज करना तो दूर अफसर के दबाव में अगली सुबह नायब नाजिर को ही लाकप में घण्टों डाले रखा। मारपीट के बाद जब नायब नाजिर की शुक्रवार की शाम अचानक तबियत बिगड़ गयी तो भी ट्रामा सेंटर में पूरी रात और अगले दिन दोपहर तक उसका इलाज जारी रहने के बावजूद पुलिस अफसरों को इसकी भनक तक नही लग सकी।

ट्रामा सेंटर में शुक्रवार की रात जिले के सीएमओं तथा नाजिर का उपचार करने विशेषज्ञ चिकित्सा टीम के साथ ट्रामा सेंटर पहुंच जाते है। ऐसे में यदि सीएमओ को भी यह लगा होगा कि नाजिर की तबियत सामान्य नही है तो सीएमओं के ही अण्ंडर में ही संचालित ट्रामा सेटर सें रात में ही नाजिर को कैसे रेफर नही किया जा सकता था। सीएमओं और राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद आखिर स्थानीय पुलिस अफसरों को नाजिर की सुध लेने की फुर्सत क्यों नही मिल सकी। नाजिर की पिटाई के आरोपी तत्कालीन एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह जरूर अपनी सर्विस एवं गर्दन बचाने के लिए नाजिर की जांन बचाने को अकेले जद्दोंजहद करते रहे। नाजिर सुनील कुमार शर्मा की शनिवार की देर शाम सांसे थमने के बाद मुतक के पुत्र सुधीर शर्मा की तहरीर पर देर रात कोतवाली पुलिस ने आरोपी एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह व तीन अज्ञात के खिलाफ मृतक के बेटे की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम का रविवार को भी यहां अता-पता नही चल सका।

उधर नाजिर सुनील की मौत के बाद जरूर स्थानीय पुलिस व जिले के अफसरों के कान खड़ें हुए दिख गये। एएसपी पश्चिमी रोहित मिश्रा के साथ पुलिस ने नगर पंचायत की बाजार में पैदल गस्त किया। वही सुनील शर्मा की मौत की जानकारी होते ही एसडीएम कालोनी में भी एतिहातन पुलिस तैनात कर दी गयी। रविवार को दिन भर नगर पंचायत की बाजार समेत तहसील के हाॅट बाजार व गांव तक नाजिर की मौत की चर्चा छायी रही । घटना से बिलकुल मतलब न रखने वाले लोग भी जरूर मृतक नाजिर की चुटहिल मीडिया में वायरल फोटो को देख कर आह भरते भी दिखे। पुलिस प्रशासन के लिए नायब नाजिर की मौत का दूसरा दिन इसलिए सुकून का दिखा कि रविवार होने के नाते सरकारी संस्थान व तहसील तथा दीवानी में बंदी थी। इसके बावजूद तहसील पहुंचे कर्मचारियों व अधिवक्ताओं ने नाजिर की मौत को लेकर गुस्से का इजहार किया और आरोपी एसडीएम तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। अधिवक्ताओं और नाराज कर्मचारियों तपके का कहना है कि आरोपी एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम को फौरन बर्खास्त कर जेल भेजा जाना चाहिए। विरोध प्रदर्शन करने वालों में संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राम मोहन सिंह, उपाध्यक्ष संतोष पाण्डेय, महामंत्री प्रवीण यादव, पूर्व अध्यक्ष विकास मिश्र, टीपी यादव, धीरेन्द्र मिश्रा, शहजाद अंसारी, ललित गौड़, आदि रहे।

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