लखनऊ: जीते जी जीवात्मा की तीसरी आंख कान खोलने की युक्ति नामदान देने वाले, यमराज की किताब में से अपने अपनाये हुए जीवों के एकाउंट का पन्ना ही फाड़ कर मुक्ति पद दिलाने वाले, जीवात्मा की बीमारी ठीक करने वाले वैद्य, इसी मनुष्य शरीर में देवी-देवताओं का दर्शन करवाने वाले, मुक्ति-मोक्ष दिलाने वाले, इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी ने 6 जून 2022 को वलसाड़ (गुजरात) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि दुनिया किसने बनाया? प्रभु ने। दुनिया, अंड, पिंड, ब्रह्मांड बनाने वाला अगर मिल जाए, उसका दर्शन हो जाए तब सारी चीजें आपकी होंगी, कोई चीज की कमी नहीं रह जाएगी।

दुनिया बनाने वाले का दर्शन पशु-पक्षी नहीं कर सकते लेकिन मनुष्य शरीर में ही ऐसा रास्ता है

दुनिया बनाने वाले का, उसके ऊपर के धनी, उनके पिता का दर्शन, मिलान मनुष्य शरीर में ही हो सकता है। जिसको भी मिले इसी मनुष्य शरीर में ही मिले। जिनको आप ईश्वर खुदा गोड कहते हो, जिनकी यह खिलकत है, बाग बगीचे, हवा, पानी, धरती, मनुष्य शरीर आदि जिन्होंने बनाया है, वो सबके पिता, सिरजनहार सतपुरुष का दर्शन नहीं कर पाते लेकिन आप कर सकते हो क्योंकि आपके शरीर के अंदर पांचों तत्व पूरे हैं। पशु-पक्षियों के शरीर में ऐसा रास्ता नहीं है, वो दर्शन नहीं कर सकते हैं। कहा गया है-

ज्यों तिल माही तेल है, ज्यों चकमक में आग।
तेरा साईं तुझमें, जान सकै सो जान।।
कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूंढे वन माँहि।
ऐसे घट-घट राम है, दुनिया देखत नाहि।।

फकीर ने भी कहा-
अल्लाह-अल्लाह का मजा मुर्शिद के मयखाने में है।
दोनों आलम की हकीकत एक पैमाने में है।।
ना खुदा मंदिर में देखा ना खुदा मस्जिद में है।
शेख जिरिन्दों से पूछो दिल के आशियाने में है।।
इसी में है लेकिन दिखाई क्यों नहीं पड़ता?

खुदा भगवान इस मनुष्य शरीर में तो है नहीं और न वह पेड़-पौधों, पत्थर में है। इनमें नहीं देखा जा सकता है। इन बाहरी आंखों से भी नहीं देखा जा सकता है। तो कैसे देख सकते हो ? खुदा भगवान को इन बाहरी आंखों से नहीं बल्कि दोनों आंखों के बीच में बैठी शरीर को चलाने वाली जीवात्मा की ( तीसरी ) आंख से देखा जा सकता है।

बाहरी डॉक्टर बाहरी उपाय करता है और अंदर का डॉक्टर अंदर का

जैसे आंख की रोशनी कम होने पर, कान से कम सुनाई देने पर डॉक्टर के पास जाते हो तो डॉक्टर आंख, कान के पर्दे को ऑपरेशन करके साफ कर देता है तो इन बाहरी आंखों, कानों से दिखाई, सुनाई पड़ने लगता है। ऐसे ही जब कोई सतगुरु वैद्य मिल जाता है तो वह तीसरी आंख, कान पर जमे कर्मों के पर्दे को हटाने की युक्ति बता देता है, हटा भी देता है।

मोतियाबिंद समेत आंखों के रोगों के उपाय

कुछ डॉक्टर ऑपरेशन करके पर्दे को तुरंत हटा देते हैं और कुछ तरीका बता देते हैं। जैसे सुबह उठो, अपना बासी थूक आंखों में लगाओ तो गंदगी धीरे-धीरे साफ हो जाएगी। शहद, प्याज का रस और सरसों का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर के रख लिया जाए और आंखों में सुबह शाम लगाया जाए तो मोतियाबिंद और ये सब चीजें खत्म हो जाती हैं। जो जैसा जानकार है उसी हिसाब से बताता है।

अंतःकरण पर जमा मैल को साफ करने का उपाय

ऐसे ही अंदर वाले कर्मों के पर्दे को भी काटने का तरीका लोग बताते हैं। जैसे बहुत काबिल डॉक्टर हॉस्पिटल में एडमिट कर 2 घंटे में ऑपरेशन करके छुट्टी दे देता है। ऐसे गुरु सतगुरु होते हैं। जब वो मिल जाते हैं, सत्य, प्रभु की बात बताते हैं, ऊपरी लोकों का वर्णन करते हैं, वहां जाने का रास्ता बताते हैं, अपने असली घर पहुंचाने का रास्ता बता देते हैं, मदद करते हैं, अंतः करण में जमा कर्मों के मैल को साफ कर देते हैं। साफ होने पर देवी देवता, भगवान साफ-साफ दिखाई पड़ते हैं।

जैसे डॉक्टर बाहरी कान से मैल निकाल दे तो सुनाई देता है ऐसे ही सतगुरु वैद्य अंदर का कान खोलते हैं

एक तो उम्र के हिसाब से नसें जब कमजोर हो जाती हैं तब और जब कान में मैल आ जाता हैं तब सुनाई नहीं पड़ता।मैल साफ करने पर सब सुनाई पड़ने लगता है। जानकार मिलने पर बता देता है ऐसे साफ कर लो या हम साफ कर देते हैं। आजकल तो कान की मशीन ऐसी आ गई एकदम से डालते हैं और साफ कर देता है। 5 मिनट भी नहीं लगता। ऐसे सतगुरु वैद्य जब मिल जाते हैं, अंदर का कान जल्दी साफ कर देते हैं, अनहद वेद वाणी आकाशवाणी सब सुनाई पड़ने लगती है तब आदमी को शांति मिलती है।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *