लखनऊ : (रायबरेली-लखनऊ रोड) मस्तीपुर – लखनऊ के संस्कार रिसोर्ट में वक्त के संत सतगुरु बाबा उमाकांत जी महाराज के सत्संग का आयोजन किया गया। वक्त के संत सतगुरु बाबा उमाकांत जी महाराज ने सत्संग सुनाते हुए कहा कि यह संसार ही दुःखो का सागर है। यहां कोई सुखी नही है। बाबा उमाकांत जी महाराज ने आगे कहा की, जन्म मरण से छुटकारा, दुख तकलीफ से निजात का रास्ता केवल संतो के पास होता है उनके सतसंग से ही इससे निजात मिलता है।
सत्संग के दौरान सतगुरु बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि गुरु का स्थान हर जगह सर्वोपरी होता है। इसलिए मानव को चाहिए कि किसी समर्थ सतगुरु की खोज करके उनसे नामदान गुरु दीक्षा लेकर नाम की कमाई करे और मुक्ति मोक्ष को प्राप्त करे। महाराज जी कहते है की, शरीर की मुक्ति तो शमशान घाट में हो जाती है परंतु आत्मा को मुक्ति तब तक नहीं मिलती जब तक गुरु का साथ न मिले। इसलिए जीवन में गुरु का होना जरुरी है।आत्मा को मुक्ति केवल संतों के द्वारा ही मिलती है।
महाराज जी ने कहा कि संसार की कोई भी वस्तु अपनी नहीं है। ये सब यही रह जाये गई,अंत समय कुछ भी साथ जाने वाली नहीं है। इसलिए सभी को परमार्थ भी करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने उपस्थित जन मानस से शाकाहारी, सदाचारी, नशामुक्त, चरित्रवान रहने की अपील भी की।
बाबा उमाकांत जी महाराज ने आगे कहा कि, आगे का समय बहुत खराब आ रहा है। इसलिए खराब समय मे रोज
जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव नाम की नाम ध्वनि बोलने से तकलीफों में आराम मिलेगा।
सतसंग समारोह में लक्ष्मण सिंह, आनंद प्रकाश अवस्थी, कन्हैया लाल गुप्ता, मंगू लाल, नागेश्वर द्विवेदी, जिला अध्यक्ष विजय बहादुर, जिला पंचायत सदस्य अमरेंद्र भारद्वाज, अनिल त्रिपाठी, अशोक तिवारी पत्रकार एसोसिएशन अध्यक्ष मोहन लाल गंज ,विनय त्रिवेदी,आर पी त्रिपाठी, सुभाष गुप्ता , लल्लू वर्मा, सत्य प्रकाश शुक्ला, कौशल गुप्ता, बृजेश कुमार, जगदीश द्विवेदी, आलोक माथुर, शशिकांत सिंह, मनोज द्विवेदी,सूर्य कुमार दुवेदी, राम नरेश रावत सहित हजारों लोग उपस्थित हुए।