उत्तर प्रदेश : चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुए एमएमएस कांड के बाद अब कानपुर में भी इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया गया है। गुरुवार को हॉस्टल के कर्मचारी को एक छात्रा का नहाते वक्त वीडियो बनाते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। छात्राओं ने उसको पीटा और पुलिस को सौंप दिया। छात्रों का आरोप है, हॉस्टल की वार्डन मामला दबाने की कोशिश कर रही है, वहीं पुलिस की लापरवाही के चलते आरोपी के खिलाफ जो भी सबूत थे वो भी नष्ट हो गए हैं। घटना से आक्रोशित छात्राओं ने थाने में जमकर हंगामा किया। पुलिस अभी तक हॉस्टल के मालिक का पता नहीं लगा सकी है।
मामला कानपूर के कोचिंग मंडी में साईं निवास नाम के एक गर्ल्स हॉस्टल का है। छात्राओं ने बताया की, गुरुवार दोपहर एक छात्रा नहा रही थी। सफाई कर्मी ऋषि साइड से बाथरूम में फोन डालकर वीडियो बना रहा था। तभी छात्राओं ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। उसे पीटने के बाद छात्रों ने पुलिस को बुलाकर आरोपी को सौंप दिया। छात्राओं ने शक जताया कि आरोपी ने इसी तरह कई छात्राओं के वीडियो बनाए होंगे .
पुलिस की लापरवाही आई सामने :- वहीं, छात्राओं का कहना है की, हॉस्टल की वार्डेन सीमा पाल ने मामला दबाने की कोशिश की है। उसने छात्राओं को धमकाया भी, जिससे मामला बाहर न जाए। छात्राओं का आरोप है कि 112 की सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने पूछ ताछ के बाद ऋषि का मोबाइल वापस कर दिया था, जिसके बाद उसने सारे अश्लील वीडियो व फोटो डिलीट कर दिए। इस लापरवाही की वजह से अब पुलिस भी सवालों के घेरे में आ गई है।
हॉस्टल में एक नेम प्लेट लगी है, जिसमें सुरेंद्र नाथ तिवारी, पुलिस अधीक्षक कानपुर लिखा है। सबसे ऊपर अस्थायी निवास भी लिखा हुआ है। जब उनसे बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि हॉस्टल से उनका कोई संबंध नहीं है। बोर्ड किसने और क्यों लगाया, ये उन्हें नहीं पता। पुलिस अब तक यह पता नहीं कर सकी है कि हॉस्टल का मालिक कौन है।