उत्तर प्रदेश : जयगुरुदेव जी के एकमात्र आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, हर तरह की समस्याओं तकलीफों व बीमारियों में आराम मिलने का उपाय बताने वाले, आत्मा के उद्धार कल्याण, जीते जी मुक्ति मोक्ष प्राप्त करने और देवी-देवताओं के दर्शन का दुर्लभ रास्ता, पांचों नाम के नामदान को देने वाले, निजधामवासी परम सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने अपने संदेश में भक्तों पर सतसंग व नामदान वर्षा की।
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इस सतसंग में लगभग 50 एकड़ क्षेत्र में लगे इस कैम्प में यूएई, यूएसए, मॉरीशस समेत 8 देशों व भारत के राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, महाराष्ट्र, हिमालय प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक समेत कई प्रान्तों से पचास हजार से अधिक की भारी संख्या में आये हुए भक्तों की सुविधा के लिए 600 से अधिक शौचालय तथा विभिन्न प्रान्तों से आये 12 भंडारे बिना किसी सरकारी अनुदान के पूर्णतया संगत द्वारा स्वयं के खर्च से चलाए जा रहे हैं। इस भंडारे में बिना जाति धर्म समाज पूछे सबको निरंतर प्रेम से भोजन करवाया जा रहा है।
महाराज जी कहते हैं, असली धर्म निरपेक्षता जनता को रोजी-रोटी और न्याय सुरक्षा देना- दिलाना है। इसलिए चरित्रवान, संस्कारवान बनो। हिन्सा हत्या व आत्महत्या कभी मत करो। महाराज जी आगे कहते हैं, एक को गुस्सा आवे दूसरा चुप हो जाए तो झगड़ा टल जाता है। जातिवाद, भाई -भतीजावाद, भाषावाद, कौमवाद, एरियावाद खून बहा देता है, इससे दूर रहना चाहिए। किसी भी धर्म, मजहब, व्यक्ति की निंदा मत करो।