लखनऊ : जिलों में स्टेडियम निर्माण के लिए मंजूर किये गए करोड़ों रूपये की कथित धांधली मामले में सुनवाई करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट ने जब सरकार से प्रदेश में बने स्टेडियम और उन पर खर्च हुए पैसों का ब्योरा मांगा तो सरकारी वकील ने चुप्पी साध ली और जवाबी हलफनामा पेश करने के लिए वक्त मांगा। बतादें, इस मामले में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दायर की गई है। याची का कहना है कि प्रदेश के कई जिलों में खेलों को बढ़ावा देने की लिए स्टेडियम निर्माण के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये मंजूर किए। लेकिन, अब तक उन जिलों में स्टेडियम नहीं बनाए गए, सरकार के लोगों ने इस रकम का दुरुपयोग किया है।
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इस मामले पर सरकारी वकील ने जवाबी हलफनामा पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि प्रदेश में कुल 77 स्टेडियम बने हैं, पेश किये गए हलफ नामे में निर्माण कार्य पर हुए खर्च आदि का उल्लेख नहीं किया गया था। जिसपर याची ने आपत्ति जताई। इसके बाद सरकार की ओर से पेश वकील ने अन्य ब्योरा देने के लिए समय मांगा। जिस पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने मामले को 12 दिसंबर के लिए मुल्तवी कर दिया। 12 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में सरकार कोर्ट को बताएगी कि प्रदेश भर के जिलों में स्टेडियम कब बने, कहां बने और कितना खर्च हुआ।