लखनऊ : विधानसभा नियमावली 1958 में संशोधन पर कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसका मसौदा तैयार कर नियम समिति को दिया जाएगा। नियम समिति की संस्तुति के बाद उसे विधानसभा के बजट सत्र 2023 में पेश किया जाएगा। इस संसोधन के बाद यूपी विधानसभा का सत्र 14 दिन के नोटिस की जगह सात दिन के नोटिस पर आयोजित किया जा सकेगा। इस संसोधन के बाद न केवल नियमावली में भाषा से जुड़े जटिल शब्द हटाए जाएंगे, बल्कि नियमावली में अत्याधुनिक तकनीक और डिजिटल प्लेटफार्म को स्वीकार करने जैसे नियम शामिल किए जाएंगे।
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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का कहना है कि वर्तमान समय में संचार और परिवहन के साधन पहले के कई गुना बेहतर है। इसलिए अब 14 दिन की जगह 7 दिन के नोटिस पर सदन आयोजित किया जा सकता है। बतादें, इस वक्त विधानसभा में सत्र आयोजित करने के लिए 14 दिन का नोटिस देना अनिवार्य है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान तारांकित सवालों के जवाब मेज पर लगे टैबलेट पर प्रदर्शित हो जाते हैं, नियमावली में संशोधन कर यह व्यवस्था लागू की जा रही है कि टैबलेट में जवाब अपलोड होने के बाद उसे पढ़ा हुआ मान लिया जाएगा। ई विधान को नियमावली में शामिल करने के बाद सभी विभागों को विधानसभा से जुड़े सवालों और पत्रों के जवाब साफ्ट कॉपी में भी देने होंगे। 64 साल बाद हो रहे इस बदलाव से सदस्य सीधे अपने प्रश्न कर पाएंगे इससे सदन का समय बचेगा और प्रश्नकाल में सभी प्रश्नों पर बात हो सकेगी।