लखनऊ : राजधानी लखनऊ में मंगलवार शाम खौफनाक हादसे में वजीर हसन रोड स्थित पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट भरभराकर ढह गया। मलबे में तीस से अधिक लोग दब गए। घटना की सूचना पर पुलिस, दमकल, एसडीआरएफ और सेना के जवानों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। 15 घंटे से ज्यादा वक्त से रेस्क्यू चल रहा है। बुधवार सुबह भी छत काटकर 14 लोगों का रेस्क्यू किया गया।
वहीँ अभी भी बेसमेंट के अंदर 2-3 लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है। बेसमेंट में फंसे लोगों से मोबाइल पर संपर्क कर पाइप के मध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई दी जा रही है। DGP ने बताया कि अलाया अपार्टमेंट सपा विधायक और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश का है। बिल्डिंग का निर्माण यजदान बिल्डर ने कराया था। मेरठ पुलिस ने नवाजिश को देर रात हिरासत में ले लिया है। शाहिद मंजूर से भी पूछताछ की जा रही है। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ड्रिलिंग की वजह से ग्रिड डैमेज हुई इमारत की फाउंडेशन:-
बता दें कि हजरतगंज स्थित पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट बेसमेंट में खुदाई की वजह से मंगलवार शाम 6.30 बजे ढह गया था। तब से NDRF, SDRF और आर्मी राहत-बचाव में लगी हुई है। लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि रिहायशी इमारत गिरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि पांच लोग अभी भी अंदर फंसे हुए हैं। हम दो लोगों के संपर्क में हैं। उन्हें उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। पुलिस ने बताया की, भूतल पार्किंग में पानी का रिसाव हो रहा था। इसलिए वहां पर पाइप डलवाने के लिए काम करवाया जा रहा था। ड्रिलिंग मशीन से खोदाई की जा रही थी। आशंका है कि ड्रिलिंग के दौरान इमारत की फाउंडेशन ग्रिड डैमेज हुआ। जिसकी वजह से पूरी इमारत ढह गई।
12 बजे तक चलेगा रेस्क्यू ऑपरेशन:-
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक व नगर विकास मंत्री एके शर्मा समेत शासन प्रशासन के तमाम आलाधिकारी मौके पर मौजूद रहे। घायलों का हाल चाल जानने के लिए CMO सिविल अस्पताल पहुंचे हैं। यहां अब तक 8 लोगों को भर्ती किया गया है। लखनऊ में सुबह से ही बूंदाबांदी हो रही है। तेज हवाओं और बूंदाबांदी से रेस्क्यू करने में दिक्कत आ रही है। 12 बजे तक रेस्क्यू पूरा होने की उम्मीद है। अभी तक ऊपर की तीन मंजिल के मलबे को हटाकर लोगों को बाहर निकाला गया है। रेस्क्यू टीम अब चौथी, पांचवी और फिर बेसमेंट के मलबे को हटाएगी। सिविल और बलरामपुर अस्पताल के 4 से 6 डॉक्टर अभी भी मौके पर मौजूद हैं।