लखनऊ : ह्रदय से, तड़प से, भाव से, प्रेम से, विरह से याद करने पर सपने में दर्शन देकर संतुष्टि करा देने वाले, गुरु आदेश का पालन करने पर अंदर और बाहर दोनों तरफ से अपने अपनाए हुए जीवों की संभाल करने वाले, उपरी दिव्य लोक कोई कोरी कल्पना नहीं है और इसका अनुभव करा देने वाले, विश्वास दिलाने वाले, साधना की गहरी बातें सरलता से समझा देने वाले, इस समय के महापुरुष, दुःखहर्ता, त्रिकालदर्शी, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 16 फरवरी 2023 को प्रयागराज में दिए संदेश में कहा की, जयगुरुदेव नाम बोलने से आपको अपनी पीड़ा, बीमारी एवं तकलीफों में राहत मिलेगी। यह नाम मौत के समय में होने वाली पीड़ा भी कम करेगा।
ज्ञातव्य है कि देश-विदेश में शाकाहार एवं सदाचार के साथ नाशमुक्त रहने का संदेश देने वाले तथा आत्मकल्याण का रास्ता बताने वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज महाराष्ट्, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक के पश्चात तीन दिवसीय शिवरात्रि सतसंग हेतु माघ मेला मैदान में पधारे हैं। 18 फरवरी तक चलने वाले इस सतसंग कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों के साथ नेपाल, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों से भी बड़ी संख्या में अनुयायी उपस्थित हुए हैं।
शाकाहारी नशामुक्त सदाचारी बन प्रभु की कृपा प्राप्त करने लायक बनो:-
आप यह सोचो कि हम नहीं करेंगे तो हमारे बच्चे भूखे मर जाएंगे, हमारे करने से ही सब होता है, मैं मेहनत करूंगा तभी गृहस्थी चलेगी। यह भ्रम और भूल है, यही माया का पसारा है, माया की छाया है। कहा है-
अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम।
दास मलूका कह गए सबके दाता राम।।
सबको देता है उसी ने व्यवस्था बना रखी है। अलग-अलग भोजन अलग-अलग लोगों का है। मनुष्य का भोजन क्या है? शाकाहारी साग, सब्जी, दूध – मलाई यह सब शाकाहारी हैं। जो जड़ जैसे पेड़ पौधों से पैदा होते हैं। गाय बकरी खाने के लिए नहीं बनाया कि उनके शरीर को काट कर के खा जाओ बल्कि उनका दूध निकाल कर पीने के लिए बनाया।
जयगुरुदेव नाम ध्वनि से सभी तरह की तकलीफों, बीमारियों में आराम मिलेगा:-
महाराज जी ने बताया की, यकीन करो जय गुरु देव नाम प्रभु का है। इसमें उस मालिक की पूरी ताकत है। बोलने से फायदा मिलेगा। मौत के समय पीड़ा इसी नाम को बोलने से कम होगी। दुःख, तकलीफ, बीमारी में राहत पाने के लिए शाकाहारी, सदाचारी, नशा मुक्त रहकर सुबह-शाम, रोज रात को सोने से पहले भाव के साथ बराबर कुछ दिन जय गुरु देव नामध्वनि बोलने से फायदा दिखने लगेगा। आजमाइश करके देख लीजिए। ऐसे बोलना रहेगा- जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव। अपने संदेश में बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि “अबकी पासा न पड़ा, फिर चौरासी जाय।“ ये मिट्टी और पत्थर का घर आपका नहीं। बंधन से मुक्त होने का उपाय पूरे सतगुरु ही बताते हैं। अबकी बार अगर पासा न लगा तो फिर लौट करके चौरासी में जाना, भटकते रहना पड़ेगा, आपका बहुत समय निकल जाएगा क्योंकि एक-एक योनि की अलग-अलग उम्र होती है। कितने ज्यादा वर्ष बीत जाएंगे, कुछ नहीं कहा जा सकता है।
यह जमीन घर मकान आपका नहीं:-
यह मिट्टी-पत्थर का घर अपना नहीं है। यह मनुष्य का घर तो होता ही नहीं है। यह धर्मशाला, सराय की तरह से है। अपने घर मकान को कोई खाली नहीं करा पाता है? किराए के मकान धर्मशाला को मकान मालिक खाली करा लेता है। यह मनुष्य शरीर भी किराए के मकान की तरह से है इसीलिए एक दिन उसको खाली कर देना पड़ता है। आप लोग अपने पिता दादा बाबा के बनाए घर में रहते हो। वो लोग भी यही कहते-कहते चले गए कि ये घर मेरा, ये घर मेरा। जब उनका नहीं हुआ तो सोचो आपका कैसे होगा? आपको भी इस घर से एक दिन लोग निकाल देंगे, जब इस काया कुटी को खाली करने का समय आ जाएगा। इस हड्डी मांस के बने शरीर यानी काया के अंदर जो जीवात्मा है, यह एक दिन निकाली जाएगी। जब इसको निकालने का हुकुम हो जाएगा तो यह काया कुटी खाली करनी पड़ जाएगी। जीवात्मा इसमें से नहीं निकलना चाहेगी तो भी जबरदस्ती निकाल दी जाएगी। मां के पेट में बनने का जिसने मसाला दिया है, वही इसका मालिक है उनको काल भगवान कहा गया है। वह एक दिन इसको खाली करा लेंगे। अगर आप एक कदम इधर से उधर प्रभु की तरफ बढ़ा दो तो आपको रास्ता मिल जाएगा, शब्द पकड़ में आ जाएगा तो फिर इधर जन्मना -मरना छूट जाएगा।
दुनिया वाले अगर गुप्त नाम को समझ जाए तो जन्म मरण से हो सकता है छुटकारा:-
‘कोटि नाम संसार में ताते मुक्ति न होय’। संसार में करोड़ों नाम हो गए भगवान के। प्रभु तो एक ही है लेकिन नाम लोगों ने बहुत रख दिये। इन नामों से मुक्ति नहीं हो सकती है। लेकिन आदि नाम जो गुप्त जपे, बिरला बुझे कोय। अर्थात सब कोई नहीं समझ सकता। जिनको प्रभु का, धनियों का दर्शन हुआ, वही समझ पाए कि- यह रहस्य गुरुदेव का वेद न जाने कोय।
जो जाने सतगुरु कृपा, जन्म मरण नहीं होय।।
बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि – “दुनिया वाले अगर इनको समझ ले तो जन्म-मरण से छुटकारा पा सकते हैं। “ बाबाजी ने ये भी घोषणा की कि इस तीन दिवसीय महाशिवरात्री कार्यक्रम का 18 फरवरी 2023 को प्रात: 5 बजे से ध्यान भजन तथा समापन संदेश के साथ समापन कर दिया जाएगा।