लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकायों के अध्यक्षों और पार्षदों की सीटों के आरक्षण अनंतिम अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी गई है। 760 नगर निकायों के 17 नगर निगमों में महापौर के अलावा 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों के अध्यक्षं की सीटें इनमें शामिल हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस बार भी कोई महिला ही शहर की सरताज बनेगी। ओबीसी आरक्षण को लेकर उठे विवाद से पहले बीते साल इस पद को अनारक्षित घोषित किया था, लेकिन अब सरकार ने अपना फैसला पलट दिया है।

भाजपा के इन कैंडिडेट के नाम नाम सबसे आगे

लखनऊ में महापौर का पद लगातार दूसरी बार महिला के लिए आरक्षित होते ही महिला दावेदारों के बीच टिकट के लिए दौड़ शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी से महिला दावेदारों में सपा संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अपर्णा यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास की पत्नी अल्का दास का नाम सबसे ऊपर है। निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ ही उनकी पुत्रवधू रेशू भाटिया का नाम भी महिला दावेदारों की सूची में बताया जा रहा है। इसके अलावा भाजपा अवध क्षेत्र की क्षेत्रीय उपाध्यक्ष श्वेता सिंह और राष्ट्रपति पदक विजेता सची सिंह को भी महपौर पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा दावेदारों की दौड़ में लखनऊ के कुछ विधायक व मंत्रियों की पत्नियों के भी नाम हैं।

सपा के दो कैंडिडेट के नाम नाम सबसे आगे
समाजवादी पार्टी के महिला मेयर कैंडिडेट की बात करें तो अभी सिर्फ दो नाम सबसे आगे हैं। इनमें एक नाम मीरा वर्धन का है और दूसरा सीमा सिंह पटेल का। कुछ और नाम चर्चा में हैं, लेकिन भाजपा के मुकाबिल यहां उम्मीदवारों की संख्या कम है, जबकि पुरुष कैंडिडेट के तौर पर यहां से कई सपा नेता चुनाव प्रचार में भी जुट गये हैं। इनमें सबसे ऊपर सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष वर्मा व प्रसपा के प्रदेश महासचिव अजय त्रिपाठी ने तो चुनाव-प्रचार भी शुरू कर दिया था। समाजवादी पार्टी के महानगर इकाई के निवर्तमान अध्यक्ष सुशील दीक्षित का कहना है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से तय किये गये जिम्मेदारों को पूरी दमखम से चुनाव लड़ाया जाएगा।

 

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