लखनऊ: सूबे की योगी सरकार ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 20201-22 के लिए 5,50,270.78 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछला बजट 5,12,860.72 करोड़ रुपये का था। इस प्रकार पिछले बजट के मुकाबले इस बार का बजट 37,410.06 करोड़ अधिक है। राज्य के इस पहले पेपरलेस बजट में 27,598.40 करोड़ रुपये की नई योजनाओं को सम्मिलित करते हुए योगी सरकार ने सूबे की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस बार के बजट में सरकार ने हर वर्ग की दिक्कतों का संज्ञान लेते हुए उन्हें दूर करने का प्रयास किया है। महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना के लिए ₹ 32 करोड़ का बजट प्राविधान करना, युवाओं के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में पात्र छात्रों को लैपटाप मुहैया करना और श्रमिकों के लिए रोजगार योजना की शुरुआत करने का फैसला इसी सोच का नतीजा है।
उत्तर प्रदेश का पहला पेपरलेस बजट (वित्तीय वर्ष 2021-2022) प्रस्तुत होने के बाद पत्रकार वार्ता… https://t.co/3n7wAenKvK
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) February 22, 2021
राज्य की अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए सरकार ने जहां बुनियादी ढांचे के विकास और सूबे में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर फोकस जारी रखा है, वहीं रोजगार के मोर्चे पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया हुआ है। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला कल्याण, कृषि, सिंचाई, औद्योगिक विकास, पर्यटन, क्षेत्रीय विकास तथा अवस्थापना सहित राज्य के हर सेक्टर का इस बजट में ध्यान रखा रखा गया है। जिसके तहत ही राज्य में कोविड -19 की रोकथाम के लिए टीकाकरण योजना के लिए भी सरकार 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की है। वहीं सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को और परिष्कृत कर लागू किये जाने का निर्णय किया है, जिसके तहत 1200 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। वित्तीय वर्ष 2021- 2022 से महिला सामर्थ्य योजना के नाम से नई योजना शुरु करने का फैसला किया गया है। इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित की गई है। महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या के निदान के लिए मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना के लिए 100 करोड़ रूपये का प्राविधान बजट में किया गया है।
10 नगर निगमों-वाराणसी, मेरठ, गाजियाबाद, अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, मथुरा-वृंदावन एवं शाहजहांपुर को राज्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्मार्ट एवं सेफ सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय। वर्ष 2021-2022 के बजट में ₹175 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।#योगीजी_का_विकास_बजट
— Government of UP (@UPGovt) February 22, 2021
खेती किसानी के विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जारी रखते हुए सरकार ने इस बजट में किसानों की आय को दोगुना करने के संकल्प के तहत इस बजट में आत्मनिर्भर कृषक कल्याण योजना संचालित करने का फैसला लिया है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी बजट में की गई है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत 600 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था बजट में की गई है। किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ रुपये की बजट में प्राविधान किया गया है। रियायती दरों पर किसानों को फसली ऋण उपलब्ध कराए जाने हेतु अनुदान के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी बजट में की गई है।
राज्य में किसानों, महिलाओं के उत्थान और युवाओं के लिए सरकार ने दिल खोल कर खर्च करने का फैसला किया है। इसके तहत ही मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत पात्र छात्र -छात्राओं को लैपटाप मुहैया कराये जायेंगे। संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत निर्धन छात्रों को गुरुकुल पद्धति के अनुरूप निशुल्क छात्रावास एवं भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है। राज्य के 12 अन्य जिलों में माडल कैरियर सेंटर स्थापित करने की योजना को भी बजट में मंजूरी दी गई है। युवा खेल विकास एवं प्रोत्साहन के लिए 8.55 करोड़ की योजना प्रस्तावित की गई है। ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपेन जिम के निर्माण के लिए 25 करोड़ रूपये तथा मेरठ में नये स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 20 करोड़ रूपये का प्रस्ताव बजट में किया गया है। जिलों में अधिवक्ता चैंबर का निर्माण कराने के लिए 20 करोड़ रुपये और युवा अधिवक्ताओं के लिए पुस्तक एवं पत्रिका आदि के क्रय के लिए 10 करोड़ का प्राविधान बजट में किया गया है। युवा अधिवक्ताओं को आथिक सहायता देने के लिए बजट में कार्पस फंड के लिए 5 करोड़ रूपये मुहैया कराये गए हैं।