लखनऊ। असोहा की ग्राम पंचायत कंचनपुर के मजरा गड़रियन खेड़ा में दहेज प्रथा का अंत कब की 12वीं जन चौपाल सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक शिवपाल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सामाजिक संस्था नवयुग जन चेतना द्वारा चलाई जा रही दहेज प्रथा का अंत कार्यक्रम में सभी ग्रामीणवासियों में स्त्री-पुरुष, युवक-युवतिया शामिल हुए।

संस्था अध्यक्ष पुत्तन लाल पाल ने कार्यक्रम में आए सभी ग्रामीणवासियों दहेज प्रथा के बारे में बताते हुए कहा कि दान हमारी पुरातन संस्कृति की परंपरा है। पहले के समय में विवाह के शुभ अवसर पर कन्या पक्ष की ओर से वर पक्ष को दान दिया जाता था। लेकिन वर्तमान समय में इस निस्वार्थ दान परंपरा को दहेज में बदल दिया गया। जिसके कारण आए दिन अनेक महिलाये, बेटियाँ दहेज प्रथा का शिकार होकर अपना जीवन गवाना पड़ता है इसीलिए हम सभी मैदान में दहेज प्रथा का अंत कब की 12वीं जन चौपाल के माध्यम से लोगों को इस कुप्रथा के खिलाफ जागरूक करने निकले हैं। इसके साथ ही संस्था अध्यक्ष ने गांव वालों के साथ बन का निकरि गए दो भाई और हनुमान लंका खेलै होरी फाग गाकर ग्रामीण संस्कृति से जुड़े होने का संदेश दिया।

राजेंद्र पाल ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि गड़रियन खेड़ा गांव भी अगली बैठक में दहेज मुक्त ग्राम घोषित करने का हम सभी ग्रामीणवासी प्रस्ताव पास करेंगे। उपस्थित सभी जनसमूह ने ताली बजाकर राजेंद्र पाल इस घोषणा का समर्थन किया। कार्यक्रम के अंत में गांव महिलाओं ने होली गीत गाकर कार्यक्रम में रस भर दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम के साक्षी सावित्री पूजा लक्ष्मी रामनरेश रमेश पाल, नसीर अहमद, राकेश, धीरेंद्र पाल, अनीश, आशीष, श्रीपाल, बाबूलाल, रामबाबू सहित दो सैकड़ा लोग उपस्थित रहे।  संजय कुमार पाल द्वारा चौपाई का संचालन किया गया।https://gknewslive.com

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