वट सावित्री का व्रत हर सुहागन के लिए सौभाग्य रहता है। आज व्रत सावित्री के व्रत के मौके पर सोलह शृंगार कर सुहागिन महिलाओं ने प्रेम के धागों में सौभाग्य की फेरियां लगाईं। व्रत रखकर महिलाओं ने भगवान विष्णु की सविधि आराधना कर के अखंड सुहाग की कामना की है। इसको लेकर जगह – जगह बरगद के पेड़ो का पूजन किया गया है। कोरोना के बाद एक पहला मौका है जब महिलाओं ने बिना किसी गाइडलाइन के व्रत पूजन किया है।

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शुक्रवार को वट सावित्री के पूजन के लिए बरगद के पेड़ो के नीचे महिलाओं का आना शुरू हो गया था। प्रदेश भर में महिलाओं ने सज धज के वट सावित्री की सविधि से पूजन किया है। वट की पूजा करने के लिए महिलाओं ने कलावा और धागे से परिक्रमा की है। इस दौरान वट सावित्री के पूजन के लिए पहुंचने वाली महिलाओं के हाथ में किसी के हाथ में पूजा की थाली तो किसी के हाथ में डलिया दिखी।महिलाओं के साथ परिवार के सदस्य भी पूजा की सामग्री लेकर चल रहे थे। इस दौरान वट वृक्ष के नीचे पूजा कर सावित्री और सत्यवान की प्रतिमाओं की भी प्रतिष्ठापना की गई। फिर, वेदियां सजाकर तरह-तरह के फल, बांस के पंखे, पूड़ी, हलवा, गुलगुला अर्पित किया गया।

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