धर्म-कर्म: यदि गृहस्थी की टेंशन ज्यादा होगी तो आध्यात्मिक साधना में मन लगना बड़ा मुश्किल है तो इस दुनिया के झंझटों तकलीफों परेशानियों का स्थाई और पक्का उपाय बता कर अपनी जीवात्मा के कल्याण के लिए प्रेरणा देने वाले, नामदान रूपी अमोलक आध्यात्मिक दौलत फ्री में लुटाने वाले, गृहस्थी सेट करने के उपाय बताने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी ने बताया कि आजकल लोगों का सन्तों के पास आना-जाना बंद होने से लोगों को गृहस्थ धर्म और जिम्मेदारियों की समझ नहीं रही तो अब गृहस्थ जीवन नरक के समान हो गया। इसीलिए कहा गया कि बराबर सतसंग सुनते रहो और बच्चों को भी सुनाते रहो, उनके अंदर संस्कार डालते रहो। अज्ञान अनजान होने की वजह से सात वर्ष तक के बच्चों को कर्मों की माफी हो जाती है। लेकिन बने कर्म की सजा माता-पिता को मिलती है कि उन्होंने बताया समझाया नहीं। आप भी सुनिए बच्चों की शादी से पहले ध्यान रखने योग्य जरुरी बातें।