धर्म-कर्म: ज्यादा से ज्यादा जीवों को आगामी कुदरत के प्रकोप से बचाने के लिए तरह तरह से जतन करने वाले, आने वाली पीढ़ियों के लिए, समाज के उत्थान के लिए, परोपकार के काम में निरंतर लगने वाले, जीते जी प्रभु प्राप्ति का मार्ग नामदान देने के एक मात्र अधिकारी, वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि बावल में भी आने-जाने की आदत डालनी चाहिए क्योंकि वहां पर गुरु महाराज का चिन्ह मंदिर बन रहा है।
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जिम्मेदार जिस भी वक्ता को भेजें चिट्ठी लिख करके भेजो, नहीं तो इसी में ठग घरों में घुस जाएंगे, नुक्सान कर देंगे। आप इतने प्रेमी हो कि अगर गुरु चर्चा करने लग जाओ तो हमको केवल नामदान देने की जरुरत रहेगी। यह सब आपके बच्चों के लिए, अच्छे समाज, बड़े सुधार के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। प्रेमियों! आप लोगों को समझाने बताने में देर करोगे तो बहुत से लोगों की बेगुनाह बेमौत होगी। तो आप भी सुनिए बाबा उमाकांत जी महाराज के अनमोल वचन