धर्म कर्म: व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए सही शिक्षा सबको देने वाले महान समाज सुधारक, भारत को विश्वगुरु बनाने में लगे पक्के देशभक्त, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने 15 अगस्त को बताया की यह देश आपका अपना देश है। इसकी संपत्ति को अपना समझो और ज्यादा चक्कर में मत पड़ना। देखो राष्ट्र को अपना समझो, अपना मानो। इसको और इस देश की संपत्ति को अपनी संपत्ति समझो। यहां अगर आप कोई नुकसान करोगे, आपकी वजह से हड़ताल तोड़फोड़ आगजनी से अगर नुकसान होता है तो आपका ही नुकसान होगा, आपको ही भरना पड़ेगा, टैक्स के रूप में, किसी न किसी रूप में। अपनी मेहनत की कमाई इधर देनी ही पड़ेगी। मजबूरन दोगे ऐसा नियम बन जाएगा कि देना ही देना पड़ेगा।

देश का जिससे नुकसान हो, ऐसा कोई काम न करो:-

महाराज जी ने कहा की, देश की संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है। देखो आज स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व है। देश को आजाद कराने में लोगों ने बहुत कुर्बानी दिया, मेहनत किया। देश के लोगों की आजादी खत्म न हो जाए इसलिए इसको बनाए रखना जरूरी है। कोई भी काम ऐसा न करो कि जिससे देश का, देश की संपत्ति का नुकसान हो, देश के प्रति कोई भी तिफ़रका पैदा हो, जो नियम कानून के खिलाफ हो। नियम-कानून का पालन करो, अधिकारियों कर्मचारियों का सम्मान करो।

 

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