हेल्थ : AI (आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस)आने के बाद अब सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है। फिर चाहे वह मेडिकल सेक्टर , एंटरटेनमेंट या फिर मिडिया इंडस्ट्री हर जगह टेक्नोलॉजी का जमाना है। और इसी के साथ – साथ युवाओं में आँखों की समस्यायें भी बढ़ रही है। जिसकी वजह से हर वर्ग का व्यक्ति सर दर्द आँखों की समस्यायों से जूझ रहा है। आईये जानते है आखिर वजह क्या है ?
जब हम लम्बे समय तक टीवी स्क्रीन या फ़ोन पर अपनी आँखों को गड़ाये रहते हैं। खासतौर पर अंधेरे में। अगर आप रात के समय लाइट बंद करके आंखों से कुछ ही दूरी पर रखकर फोन को 1-2 घंटे भी देखते रहते हैं , तो यह स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम (एसवीएस) का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि 70 फीसदी युवा आबादी में इसका जोखिम हो सकता है. आँखों की समस्या का दूसरा कारण अच्छी डाइट ना लेना और अनियमित नींद भी है। जिसकी वजह से शरीर में थकावट महसूस होती है और सर दर्द की प्रॉब्लम रहती है।
स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम क्या है
यह आंखों से जुड़ी समस्या है, जो लंबे समय तक डिजिटल स्क्रीन के इस्तेमाल की वजह से होती है। इसमें आंखें और दृष्टि से संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नेत्र विशेषज्ञों की राय है कि लगातार फोन की स्क्रीन देखने से युवा आबादी इस सिंड्रोम की शिकार हो रही है।
क्या होती है परेशानी?
ये परेशानी तब होती है जब आंखों की मसल्स ज्यादा काम करने से थक जाती हैं और उनमें दर्द होने लगता है। इसके अलावा स्क्रीन से आने वाली नीली रोशनी की वजह से आंखों के रेटिना को भी नुकसान होता है। लगातार स्क्रीन पर नजर गड़ाये रहने से ड्राई आइज और धुंधलेपन की समस्या शुरु हो जाती है। इसे लंबे समय तक नजरअंदाज करने से आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
बचने के यह है उपाय
डॉ. शालिनी मोहन ने बताया कि यदि आपको धूप में निकलना है तो काला चश्मा लगाकर निकले। बाहर से आने के बाद ठंडे पानी से आंखों को धोएं। मोबाइल का उपयोग कम से कम करें। कुछ काम करना है तो बड़ी स्क्रीन पर काम करें। काम करते समय 20-20 वाला फार्मूला अपनाएं। 20 मिनट स्क्रीन पर काम करें और 20 मिनट आंखों को रेस्ट दे। डॉक्टरों की परामर्श लेकर आंखों में ड्रॉप जरूर डालें। इससे आपकी आंखें हमेशा स्वस्थ बनी रहेंगी।