धर्म कर्म: अपनी दिव्य द्रष्टि से दिख रही शराबी मांसाहारीयों को आगे मिलने वाली नरकों की बड़ी भयंकर पीड़ा से बचाने के लिए सबको चेताने वाले, शाकाहारी नशामुक्त हो जाने की प्रार्थना करने वाले, जिनसे माफ़ी मांगने और अब से शराब मांस व्यभिचार छोड़ने का संकल्प बनाने पर पुरानी गलतियों को माफ़ कर देने वाले, इस वक़्त के मसीहा, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि मांसाहारी, शराबी, नशेड़ी का मुक्ति-मोक्ष नहीं होगा, चाहे कितना भी पूजा-पाठ, हवन कर ले।
गीता कुरान बाइबिल ग्रंथ का पाठ पढ़ ले। आपकी उंगली काटी जाए तो कितना दर्द होता है, ऐसे ही जीवों को मारने, काटने पर दर्द होता है। जैसे उधार चुकाना पड़ता है ऐसे ही जीवों को मारोगे, काटोगे तो ये कर्म बदला भी चुकाना पड़ेगा। आज अखबार का कोई पन्ना बाकी नहीं जिसमें मारने, काटने की खबर न छपे, पहले ऐसा नहीं था। नरकों की सजा का इशारों में वर्णन करते हुए चेताया कि अब भी समय है बचने का। ऊपर की सजा (कर्मफल की सजा) देख लो तो आपका जीना मुश्किल हो जाएगा। बचो और बचाओ।