धर्म कर्म: वक़्त के महापुरुष, पूरे समर्थ सन्त सतगुरु,दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने जयपुर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आपको नहीं पता है, देश और दुनिया में बहुत बड़ा परिवर्तन होने वाला है। भारत के लोग परिवर्तन करेंगे। भारत की गरिमा जो पहले थी, उसको बनाए रखेंगे, भारत जो विश्व गुरु कहलाता था, वह आध्यात्मिक गुरु कहलायेगा। परिवर्तन भारत के लोगों के द्वारा होगा। वह शक्तियां जिन्हें अवतारी शक्तियां कहा गया, उनके साथ समय पर जो सहायक शक्तियां आई, वह सब शक्तियां यहां आ चुकी हैं।
बच्चो! आपसे उम्मीद है, कुछ अपनाने और कुछ करके दिखाने की जरूरत है
देखो बच्चो! आपसे उम्मीद है। जिन बच्चों की आदत में बुराई आ गई, उनसे उतनी उम्मीद नहीं है। जैसे पेड़ बहुत टेढ़ा हो गया, वह सीधा नहीं हो सकता है। अगर थोड़ा बहुत टेढ़ा है, सीधी लकड़ी गाढ़ के उसमें बाँध दो तो सीधा हो जाता है तो आपसे कुछ उम्मीद है। इसलिए आपको कुछ अपनाने की और कुछ करके दिखाने की जरूरत है।
नौजवानों के लिए विशेष हिदायत
जो भी जवान हो, जिनके अंदर ताकत है, जिनकी दिल दिमाग बुद्धि अभी ताजी है, वृद्ध नहीं हुई है, उन लोगों को मैं सलाह देता हूं कि आप संयम-नियम का पालन करो। नियम यह कहता है कि जब भूख लगे तब खाओ और शुद्ध अन्न चीज खाओ जो हजम हो जाए, जिससे मन प्रसन्न हो, उस चीज को खाओ। जैसे मांस मछली खाने पर उतनी प्रसन्नता अंदर से नहीं होती है। लेकिन अगर कोई रबड़ी मलाई खोया दूध है, उसको पका लो, चीनी डालो, उसका स्वाद अलग हो जाएगा। गाढा दूध को, खोया को खाओ, देखो कितनी बढ़िया खुशबू आती है, मन कितना प्रसन्न होता है। मन प्रसन्न हो जाए, उस चीज को खाओ-पियो। इधर-उधर की चीजों को खाते हो। आपको नहीं पता है कि बाहर की चीज किस लिए आती हैं। इसलिए कि इनकी आदत बन जाए। आदत में उन चीजों को खा जाते हो, वह शरीर को अस्वस्थ तो करता ही है साथ ही शरीर के सिस्टम को, बुद्धि को भी बिगड़ता है। वह चीज ऐसी होती है जो नशे की होती है। नशे की आदत जब बन जाती है तो जल्दी छोड़ नहीं पता है। बच्चो! संयम-नियम का पालन करना चाहिए। मनुष्य का जो भोजन है, जिसमें पूरे तत्व मिलते हैं, जैसे दूध में पूरे तत्व मिलते हैं, वो खाओ।