धर्म कर्म। विश्व विख्यात परम संत बाबा जय गुरुदेव महाराज जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी पूज्य संत बाबा उमकांत जी महाराज ने गुजरात, वलसाड के वापी शहर में अपने भक्तों को संदेश देते हुए कहा, कि अपने परिवार के नामदानियों को सुमिरन, ध्यान और भजन हर एक सदस्य को कराते रहना चाहिए। इससे यह लाभ होगा कि जो अगर खराब समय आपके जीवन में आने वाला है। तो इससे आपका खराब समय तो नहीं टलेगा। लेकिन स्थिति से लड़ने व बर्दाश्त करने की शक्ति आप में अवश्य आ जाएगी।

जैसे कहीं आग में कोई व्यक्ति जल रहा हो तो आप जलोगे तो नहीं, केवल आपके रोएं झुलस जाएंगे- परंतु स्वयं की जान तो बच जाएंगी। यदि आप अपने जीवन में सुधार न लाकर निरंतर गलती करते रहोगे तो आप एक न एक दिन इसी झकोले में आ जाओगे और आपके साथ परिवार वाले, रिश्तेदार, मिलने जुलने वाले है सब लोग भी आ जाएंगे इसीलिए आपका लोगों के प्रति जो दायित्व बनता है उसे जरूर निभाइये।

महाराज जी ने कहा, समाज के प्रति आपकी जो जिम्मेदारी बनती है उसे आप अवश्य निभाओ। परिवार, मित्रों, पड़ोसियों, समाज, और देश के प्रति सभी दायित्वो को पूरा करो क्योंकि मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो परोपकार कर सकता है।

मनुष्य दूसरों की मदद कर सकता है। लेकिन पशु पक्षी केवल खाते है और बच्चा पैदा कर के चले जाते है ये किसी को खिला नहीं सकते है बल्कि दूसरों का छीन कर खा जाते है। आपको ये मनुष्य तन मिला है। देव-दुर्लभ शरीर मिला है। आप एक काम करो दूसरों का भी बचाओ और खुद भी बचो खुद भी संभाल के चलो और दुरसों को भी संभाल के चलाओ।

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