धर्म-कर्म: पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज जी ने भक्तों को आशीर्वाद देते व लोगों को शाकाहारी, नशामुक्त बनने व बनाने का आह्वान करते हुए जनता और सरकार से विशेष प्रार्थना की, उन्होंने कहा कि, आप सब लोग देश प्रेम बनाये रखना। देश की संपत्ति अपनी संपत्ति है। यह परिवर्तनशील संसार है। किसी की कोई जगह निश्चित नहीं है, चाहे गद्दी हो, घर, नौकरी हो चाहे कुर्सी हो, निश्चित नहीं है। कब कहां से कौन उतर जाए, क्या हो जाए। आपको सबका सम्मान करना है, चाहे कोई जीता हो, चाहे कोई हारा हो। यह जरूर है कि सरकार बनने जा रही है। सरकार में आने वालों से मेरी यह प्रार्थना है, जो भी आप शपथ लो, उस शपथ के अंतर्गत काम करो। जो भी संविधान भारत का बना हुआ है, उसके नियम का पालन करो। जिस लिए जनता ने आपको भेजा है, उसी हिसाब से उनकी सेवा करके जनता के दिल में जगह बना लो, जिससे दोबारा उनके दिल से आप निकल न पाओ।

राजनेता व पार्टीयों के लोग ध्यान दें:-

लेकिन इस समय पर कुछ कहा नहीं जा सकता, कब क्या हो कजाए, क्या चुनाव कराना पड़ जाए। आप जितने भी पार्टी के लोग जीत करके जा रहे हो, इन सब बातों को ध्यान रखते हुए जनता की सेवा करना। लोकसभा के चुनाव में खर्च हुआ, जो भी उनके आने-जाने व रहने का, संसद चलाने का खर्चा होगा, वह देश की गरीब जनता, छोटे-छोटे लोगों की कमाई है, खून-पसीना बहा करके जो टैक्स के रूप में देते हैं। आप उसी से सरकार चलाते हो, यह उनकी कमाई है। इसका दुरुपयोग नहीं सदुपयोग होना चाहिए। आपको देश के पैसे को, देश की जनता को अपना परिवार समझना है तभी देश, राजधर्म का पालन कर पाओगे।

आपकी उन्नति के लिए हमारी प्रार्थना:- 

जिस देश के आप माननीय, प्रतिष्ठित बन गए, अभी आप प्रधानमंत्री, मंत्री बन जाओगे, उस देश की आन-बान, मर्यादा को बनाए रखना, देश के लोगों की और देश की रक्षा करना, धर्म निरपेक्ष देश में हर धर्म की रक्षा करना, सबको सम्मान प्यार देना, सब अपने-अपने हिसाब से पूजा, इबादत, पाठ, प्रेयर आदि कर सकें, उसमें बाधा मत डालना। आज गुरु महाराज के भंडारे पर आपसे मैं ये प्रार्थना करता हूं। मेरी प्रार्थना अगर आप स्वीकार कर लोगे तो गुरु महाराज से प्रार्थना करता हूं कि आपको उन्नति तरक्की दे, आप देश और देश की जनता की सेवा करके उन्नति के शिखर पर जाओ बजाय पतन के गर्त में जाने के।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *