लखनऊ। कोरोना वायरस की दूसरी लहर की वजह से शहर के सभी सरकारी और निजी अस्पताल की हालत बेहद खराब है। अस्पतालों में बढ़ते मरीजों के कारण बेडों की संख्या कम हो गई है। जिसके कारण बहुत सारे लोग अस्पताल की चौखट पर ही दम तोड़ रहे हैं। अब महिला अस्पतालों में भी प्रसूताओं की संख्या बढ़ गई है। घंटों इंतजार के बाद प्रसव के लिए आई गर्भवती महिला को भर्ती किया किया जा रहा है। ऐसे में महिला अस्पताल के डॉक्टर गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान जोखिम में डाल रहे हैं।
गोमती नगर निवासी पारुल शर्मा ने बताया कि उनकी भाभी की डिलीवरी की डेट 18 अप्रैल थी, लेकिन प्रसूता को दो-तीन दिन पहले ही प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद गर्भवती को बलरामपुर अस्पताल के महिला अस्पताल अवंतीबाई में लाया गया। यहां 4 घंटे तक महिला को भर्ती नहीं किया गया और पर्चा बनवाने के लिए तीमारदार को यहां से वहां परेशान किया गया। 4 घंटे बाद जब तीमारदार ने हंगामा किया था। तब जाकर प्रसूता को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। पारुल बताती हैं कि इस समय सभी प्राइवेट अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल कर दिया गया है। सरकारी अस्पताल में अच्छी व्यवस्था तो छोड़िए भर्ती कराने में ही 4 घंटे से अधिक का समय लग रहा है।https://gknewslive.com