धर्म कर्म: सबको अपना बच्चा मान कर सबसे प्रेम करने वाले, सबके कुशल मंगल की कामना करने वाले, भारी नुक्सान से बचाने के लिए पहले से ही चेताने और उपाय बताने वाले, इस समय के पूरे समरथ सन्त वक़्त गुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 1 नवम्बर 2024 सायं उज्जैन आश्रम में अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि पहले के समय में लोगों की उम्र ज्यादा होती थी। सतयुग में एक लाख वर्ष, त्रेता में दस हजार वर्ष, द्वापर में एक हजार वर्ष और कलयुग सौ वर्ष की उम्र बताई गई। इस समय तो वो भी पूरा हो पाना बड़ा मुश्किल है।

नशे की आदत से अकाल मृत्यु का खतरा

अकाल मृत्यु जग माही व्यापै, प्रजा बहुत मरे। एक आदमी ने कहा हमारे गांव में कोई बुड्ढा होता ही नहीं। दूसरे ने पूछा, कौन सी जड़ी बूटी खिलाते हो? बोले सब नशेड़ी, शराबी निकल गए। जवानी में नशे में ही झगड़े में ही मर जा रहे हैं, बुढ़ापा देख नहीं पा रहे हैं। कोई एक्सीडेंट में मर रहा, कोई बोतल एक-दूसरे के सर पर मार करके मार रहा है। नशे में कोई किसी को पहचान पाता है? न अपने शरीर, न जमीन-जायदाद धन को न परिवारजनों को। इस वक्त पर किसी का भरोसा नहीं है कि कब कहां आंख बंद हो जाए, नशे में एक्सीडेंट हो जाए, कब किसको कौन मार दे, बड़ी आफत है। इस कलयुग में 100 साल उम्र पूरा हो पाना बड़ा मुश्किल है।

आजकल लोगों ने नशे को फैशन बना लिया

इस समय नशा खोरी बहुत बढ़ गई। नशा को लोगों ने फैशन बना लिया। कहते भी हैं कि नशा नहीं करोगे तुम गंवार माने जाओगे। सोसाइटी में बैठो, एक ही पैक पियो तब तुम एडवांस माने जाओगे। ये नौजवान लोग बिगड़ रहे हैं। धन का लालच दे दिया, अब नशे की आदत बन गई। मिलेगा वहीं पर जहा नशेड़ी लोग रहते हैं। पैसा नहीं रहता तो उन्हीं से अपराध कराते है। पकड़े जाने पर जेल नहीं तो मुठभेड़ में मार दिए गए, चले गए खत्म हो गए। लोगों का जीवन बर्बाद हो रहा है। समझने की जरूरत है आपको, शाकाहारी नशामुक्ति को अपनाने की जरूरत है। भ्रष्टाचार और अपराध की जननी शराब मांसाहार छोड़ने की जरूरत है।

इस दुष्प्रचार से बचना है और लोगों को बचाना है

बच्चों का ध्यान रखना है। बच्चे गलत बच्चों के साथ में न पड़ जाए। अब तो बच्चे पीछे हो रहे हैं और यह बच्चियां नशे की आदत में आगे बढ़ती चली जा रही हैं। जब से यह हुआ की बच्चियां बहुत काम कर सकती हैं, बच्चियों की नौकरी अच्छी जगह लगवा दिया जाए, इनको पढ़ाया जाए, सुविधा दिया जाए तब यह सोचने लग गए कि हमको नशे की आदत में भी आगे बढ़ जाना चाहिए। पढ़ाई में जब अच्छा नंबर आ रहा है, तो नौकरी अच्छी तभी मिलेगी जब नशे की आदत हमारी हो जाएगी। यह लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं की नेता तभी बनोगे जब शराब पियोगे, नशे गोली खाओ, मांस खाओगे, कंपटीशन में तभी तुम आओगे जब इन चीजों को खाओगे, आईपीएस बन गए लेकिन ट्रेनिंग में तुम्हारी बॉडी नहीं बनेगी तो तुमको अच्छी जगह नहीं मिलेगी, यह एक दुष्प्रचार हो रहा है। इससे बचना है और लोगों को बचाना है।

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