लखनऊ। अयोध्या में जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने शनिवार को खुद की चिता का पूजन आचार्य पीठ श्री तपस्वी जी की छावनी में किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। इसके साथ ही 25 मई को आत्मदाह की घोषणा भी की।
घुसपैठिए और रोहिंग्या मुसलमानों को मिली है खुली छूट
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में लाखों लोगों की हत्या हो रही है। लेकिन ममता बनर्जी ने पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की बजाय घुसपैठिए और रोहिंग्या मुसलमानों को खुली छूट दे रखी है। आवश्यक है संविधान की रक्षा के लिए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। परमहंसाचार्य ने कहा कि मैं समर्थ हूं, चाहूं तो अपने अनुयायियों को हथियार उठाने के लिए धर्म आदेश भी जारी कर सकता हूं। पश्चिम बंगाल में घुसपैठिए और रोहिंग्या मुसलमानों को मुंहतोड़ जवाब दे सकता हूं। लेकिन ये असंवैधानिक होगा।
यह भी पढ़ें: 17 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, सोमवार सुबह 7 बजे तक बढ़ी कोरोना कर्फ्यू की मियाद
पीड़ितों को इंसाफ मिले और दोषियों को सख्त सजा
संविधान की मर्यादा का पालन करना हमारे लिए सर्वोपरि है। इसलिए केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि पश्चिम बंगाल में पीड़ितों को न्याय मिले और दोषियों को सख्त सजा मिले। इसके साथ ही यहां के हालातों को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाएं। जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैंने चिता लगाकर पूजन कर लिया है। इसी चिता में 25 मई को दिन में 12 बजे भारत माता के चरणों में प्रणाम करते हुए देश की जनता से क्षमा मांगकर पूरे संसार को अलविदा कह दूंगा। परमहंस की इस भीषण प्रतिज्ञा से चारों ओर हाहाकार मच गया है। https://gknewslive.com