UP POLITICS: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर किए गए हालिया बयान को लेकर तीखा हमला बोला। मायावती ने कहा कि अमित शाह द्वारा संसद में बाबा साहेब के बारे में इस्तेमाल किए गए शब्दों से अंबेडकर की गरिमा को गहरी ठेस पहुंची है और यह उनके अपमान के बराबर है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमित शाह अपने शब्द वापस नहीं लेते और इसके लिए पश्चाताप नहीं करते, तो उनके अनुयायी इसे कभी नहीं भूलेंगे, ठीक उसी तरह जैसे कांग्रेस के द्वारा अंबेडकर के साथ किए गए व्यवहार को नहीं भूला जा सकता।
मायावती ने कहा कि यदि उनकी पार्टी, बीएसपी, न होती तो बीजेपी और कांग्रेस जैसे दल बाबा साहेब का नाम भी मिटा देते। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दल बाबा साहेब का नाम केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल करते हैं, जबकि उनका असली सम्मान नहीं करते। मायावती ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने संविधान निर्माण में बाबा साहेब के योगदान को मिटाने की पूरी कोशिश की थी, और अगर कांशीराम और उनकी पार्टी ने संघर्ष नहीं किया होता, तो यह कामयाब हो जाती।
मायावती ने यह भी कहा कि बीएसपी की सरकार ने बाबा साहेब के सम्मान में कई स्मारक और पार्क बनाए, जो कि अन्य पार्टियों के मुकाबले बहुत कम हैं। उन्होंने बताया कि यूपी में उनके नेतृत्व में बनाई गई योजनाओं को बाद में समाजवादी पार्टी की सरकार ने बदला।
मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर एक ही आरोप लगाया कि वे बाबा साहेब के नाम का इस्तेमाल दलितों और पिछड़े वर्गों के वोटों को लुभाने के लिए करते हैं। उन्होंने बीजेपी पर यह आरोप भी लगाया कि वह बाबा साहेब के सम्मान में कुछ कदम उठाने को मजबूर हुई है, क्योंकि उसे दलितों और पिछड़ों का वोट चाहिए।
आखिर में, मायावती ने कहा कि बाबा साहेब ने कांग्रेस को कभी माफ करने लायक पार्टी नहीं माना था, और यह पार्टी हमेशा उनके अपमान में संलिप्त रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी भी इस मामले में पीछे नहीं है और वोटों के लिए दलितों और पिछड़ों को भड़काने के लिए सियासत करती रहती है, जिससे वह खुद ही अपने जंजाल में फंसती जा रही है।