Lucknow: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में ‘अटल गीत गंगा कार्यक्रम’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मशहूर कवि कुमार विश्वास ने भी हिस्सा लिया और अपने संबोधन के दौरान धार्मिक शिक्षा और राजनीति पर अपनी बात रखी।
भारत के पुनर्जागरण की बात:-
कुमार विश्वास ने अपने भाषण में कहा कि चाहे कोई छाती ठोके या माथा पीटे, लेकिन भारत के पुनर्जागरण का समय तय हो चुका है। अगले 100 सालों तक भारत को कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अपने बच्चों को रामायण और महाभारत पढ़ाना शुरू करें।
महाभारत से सीख:-
अपने पूर्व राजनीतिक साथियों पर तंज कसते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि महाभारत पढ़ने से उन्हें व्यक्तिगत लाभ हुआ। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “मैंने महाभारत पढ़ी थी, इसलिए मुझे समझ आ गया कि जब मित्र दुर्योधन जैसा हो, तो उसके रथ से उतरकर भाग जाना ही बेहतर है, वरना कर्ण की तरह मारे जाओगे।”
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर टिप्पणी:-
कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। इस दौरान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि मूर्खतापूर्ण सवालों पर समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, तो चार्टर प्लेन का उपयोग किया गया था। इस पर आलोचकों ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा, “ये कहां लिखा है कि चार्टर में सिर्फ हराम वाले जा सकते हैं, राम वाले नहीं।” इस तरह, कार्यक्रम में कवि कुमार विश्वास ने अपनी कविताओं और व्यंग्यात्मक शैली से न केवल धार्मिक शिक्षा का महत्व बताया, बल्कि विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा।