Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार (26 दिसंबर) को हुआ। वे 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। शुक्रवार को सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं और केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित उनके आवास पर रखा गया है। आइए जानते हैं, प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार से जुड़े राजकीय प्रोटोकॉल और अन्य महत्वपूर्ण बातें।

प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार का प्रोटोकॉल:- 
पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में राजकीय सम्मान का पालन किया जाता है। उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है। अंतिम संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है। उनकी अंतिम यात्रा में सैन्य बैंड और सशस्त्र बलों के जवान शामिल होते हैं, जो पारंपरिक मार्च करते हैं। सुरक्षा और प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाता है।

अंतिम संस्कार कहां होता है?
पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार आमतौर पर दिल्ली के विशेष स्मारकीय स्थलों पर होता है। उदाहरण के लिए, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का अंतिम संस्कार राजघाट परिसर में हुआ था। हालांकि, यह परिवार की धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर निर्भर करता है। कई बार गृह राज्य में भी अंतिम संस्कार किया जा सकता है।

श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार की तैयारियां:- 
डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर 28 दिसंबर को कांग्रेस मुख्यालय ले जाया जाएगा, जहां लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उनका अंतिम संस्कार राजघाट के पास किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसे देश और पार्टी के लिए बड़ी क्षति बताया।

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक:- 
आज सुबह 11 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होगी, जिसमें डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी। सरकार ने आज के सभी आधिकारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। कांग्रेस ने बेलगावी में हो रही सीडब्ल्यूसी की विशेष बैठक भी स्थगित कर दी है। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पूरा देश शोक में है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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