उन्नाव (पुरवा): बुधवार को बिलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग को लोहे की भारी वस्तु से तोड़ने की घटना सामने आई। सुबह पूजा करने गए भक्तों ने जब शिवलिंग को खंडित देखा, तो उन्हें गहरा धक्का लगा। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंच गए। मामले की सूचना जंगल में आग की तरह फैलने पर पुलिस हरकत में आई। हालांकि, पुलिस जिस व्यक्ति को आरोपी बता रही है, स्थानीय लोग उसे दोषी मानने को तैयार नहीं हैं।

क्या है पूरा मामला:
बिलेश्वर महादेव मंदिर तहसील मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर मौरावां रोड से 400 मीटर पूर्व स्थित है। सुबह 6:00 बजे पूजा करने पहुंचे भक्त मनीष मिश्रा ने शिवलिंग को ठीक देखा। लेकिन, 7:00 बजे पहुंचे भक्त पंकज ने देखा कि शिवलिंग के टुकड़े मंदिर में इधर-उधर बिखरे पड़े हैं। वहीं, डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा ने बताया कि, एक दिन पहले एक संदिग्ध व्यक्ति को कुल्हाड़ी लिए मंदिर के पास देखा गया था। बतादें, बिलेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास 490 साल पुराना है। मान्यता है कि इस स्थान पर घने जंगल में एक गाय रोज़ एक बिल के ऊपर दूध गिराती थी। खुदाई के दौरान वहां शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसके बाद लोगों ने वहां पर मंदिर का निर्माण करा दिया और इसे “बिल के ईश्वर” कहा गया। एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन हस्तिनापुर से लौटते समय यहां रुके और शिवलिंग की स्थापना की। अर्जुन ने जलाभिषेक के लिए भूमि पर तीर चलाकर जलस्रोत उत्पन्न किया, जिसे धनुषाकार तालाब कहा जाता है।

क्षेत्र का धार्मिक महत्व:
मंदिर 12 बीघा भूमि पर फैला है, और परिसर में छह कुएं हैं। सावन के सोमवार को यहां सफेद नाग के दर्शन की मान्यता है। महाशिवरात्रि पर हजारों कांवड़िए यहां आते हैं, और बड़ा मेला लगता है। वहीँ आज मूर्ति टूटने की खबर मिलते ही सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। आरएसएस, अधिवक्ता संघ, और विभिन्न संगठनों ने घटना की कड़ी निंदा की। वहीँ ग्राम वासियों ने तहसील का घेराव कर निष्पक्ष जांच और मंदिरों की सुरक्षा की मांग की है। सीओ अजय सिंह और एसडीएम उदित नारायण सिंह के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने आरोपी के रूप में 45 वर्षीय अवधेश को गिरफ्तार किया है, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया जा रहा है। सीओ अजय सिंह ने कहा कि घटना की गहन जांच की जा रही है, और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।

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