Milkipur By-election: मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन टिकट के अन्य प्रमुख दावेदारों में नाराजगी का माहौल है। इनमें बाबा गोरखनाथ, राधेश्याम त्यागी और रामू प्रियदर्शी जैसे नेता शामिल हैं, जो टिकट न मिलने से असंतुष्ट हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता इस नाराजगी को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं। मंत्री सूर्य प्रताप शाही और स्वतंत्र देव सिंह ने नाराज नेताओं से मिलकर उन्हें मनाने का प्रयास किया है। राधेश्याम त्यागी, जो कोरी समाज से ताल्लुक रखते हैं, भाजपा की जीत के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। बाबा गोरखनाथ, जो पासी समाज से हैं, अपनी बिरादरी के वोटों पर मजबूत पकड़ रखते हैं और उनका समर्थन भाजपा के लिए जरूरी है। रामू प्रियदर्शी को भी पार्टी ने नजरअंदाज किया, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ गई है।

भले ही भाजपा ने इन नेताओं से संपर्क किया है, लेकिन अगर ये नेता पार्टी के साथ नहीं आते, तो इसका चुनाव परिणाम पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। पार्टी की कोशिश है कि नाराज नेताओं को मनाकर चुनाव में जीत हासिल की जाए।

मिल्कीपुर की जंग भाजपा के लिए क्यों है अहम
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र की सियासी जंग भाजपा और सपा दोनों के लिए सियासी नजरिए से काफी अहम मानी जा रही है। प्रदेश में पिछले दिनों हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा ने नौ में से सात सीटों पर जीत हासिल करके अपनी ताकत दिखाई थी। अब भाजपा मिल्कीपुर में भी सपा को पटखनी देकर लोकसभा चुनाव के दौरान मिली हार का बदला लेना चाहती है।

यही कारण है कि भाजपा ने यहां पर पूरी ताकत लगा रखी है मगर टिकट के दावेदारों की नाराजगी ने पार्टी के बड़े नेताओं के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। इसीलिए नाराज नेताओं को मनाने की कवायद शुरू कर दी गई है।

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