प्रयागराज : आज मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम तट पर हुए भीषण हादसे में भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालुओं के हताहत होने की खबर सामने आई है। राहत और बचाव कार्य के लिए 40 से अधिक एंबुलेंस लगाई गई हैं, जो घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी हैं। सुबह साढ़े सात बजे तक एसआरएन अस्पताल स्थित मोर्चरी में 31 शव पहुंच चुके थे, हालांकि प्रशासन ने अभी तक आधिकारिक रूप से मृतकों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।

कैसे हुआ हादसा?
स्नान के लिए उमड़ी भीड़ के कारण संगम नोज घाट पर स्थिति बेकाबू हो गई। बताया जा रहा है कि. अत्यधिक भीड़ के दबाव से कुछ महिलाएं बेहोश होकर गिर गईं, जिसके बाद घबराहट में लोगों ने भागना शुरू कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई। मौके पर अफरा-तफरी के बीच कई लोग कुचल गए। घायलों को तुरंत महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से बिगड़े हालात:-
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन गया है। एक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में कम से कम 38 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं, जिनका इलाज जारी है। घटना के बाद परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया है। पूरे संगम क्षेत्र में कोहराम मचा हुआ है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और सुरक्षा प्रबंध:- 
भगदड़ के बाद प्रशासन ने संगम तट पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम नोज पर जाने से बचें और अन्य घाटों पर स्नान करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन की गाइडलाइंस का पालन करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। इस दुर्घटना से आक्रोशित अखाड़ों ने अमृत स्नान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। साधु-संतों ने प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

निर्मोही अखाड़े ने कहा- नहीं करेंगे शाही स्नान:- 
निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कहा जब सभी लोग शाही स्नान के लिए जाने वाले थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में सुनने के बाद, हमारे अखाड़े के सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से एक स्वर से निर्णय लिया कि हम शाही स्नान में भाग नहीं लेंगे. संगम नोज़ में अब अखाड़ा कोरिडोर को खाली कराया जा रहा है. भगदड़ की घटना के बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान रद्द कर दिया था. सरकार की तरफ से अखाड़ों से स्नान की अपील की गई. अब सहमति के संकेत मिल रहें हैं और जिस अखाड़ा मार्ग में जनता को स्नान के लिए भेजा गया था वहा से लोगों को हटाया जा रहा है

फिलहाल क्या स्थिति है?
मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रशासन हालात को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहा है। श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराने के लिए अतिरिक्त प्रबंध किए जा रहे हैं। एंबुलेंस और चिकित्सा टीम लगातार घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी हुई है।

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