UP: प्रदेश में सरकारी जमीनों पर वक्फ के नाम पर कब्जे के मामलों में अयोध्या, शाहजहांपुर, रामपुर, जौनपुर और बरेली सबसे आगे हैं। इन जिलों में वक्फ बोर्ड ने दो हजार या उससे अधिक संपत्तियों पर अपना दावा जताया है, जबकि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, ये संपत्तियां सार्वजनिक उपयोग के अंतर्गत आती हैं। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की जिलेवार सूची तैयार कर इसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को सौंप दिया है।
कितनी सरकारी संपत्तियां वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज?:-
वक्फ बोर्ड के अनुसार:
- शाहजहांपुर में 2589 वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, जिनमें से 2371 सरकारी संपत्तियां हैं।
- रामपुर में 3365 में से 2363,
- अयोध्या में 3652 में से 2116,
- जौनपुर में 4167 में से 2096,
- बरेली में 3499 में से 2000 संपत्तियां सरकारी जमीन पर स्थित हैं।
- प्रदेश में कुल 57,792 सरकारी संपत्तियां वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 11,712 एकड़ है। नियमानुसार, इन संपत्तियों को वक्फ में दान किया ही नहीं जा सकता था।
इन जिलों में भी वक्फ संपत्तियों पर कब्जे के मामले:-
प्रदेश के अन्य जिलों में भी सरकारी जमीनों पर वक्फ बोर्ड का दावा किया गया है। इनमें शामिल प्रमुख जिले हैं:
- खीरी (1792 संपत्तियां),
- बुलंदशहर (1778),
- फतेहपुर (1610),
- सीतापुर (1581),
- आजमगढ़ (1575),
- सहारनपुर (1497),
- मुरादाबाद (1471),
- प्रतापगढ़ (1331),
- आगरा (1293),
- अलीगढ़ (1216),
- गाजीपुर (1251),
- मेरठ (1154),
- संभल (1150),
- अमरोहा (1045),
- देवरिया (1027),
- बिजनौर (1005)
40 जिलों में एक भी वक्फ संपत्ति का नामांतरण नहीं:-
प्रदेश के 40 जिले ऐसे भी हैं, जहां वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में सैकड़ों संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन तहसील रिकॉर्ड में इनका कोई नामांतरण नहीं हुआ है। इनमें फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, एटा, कासगंज, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बदायूं, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, जालौन, ललितपुर, औरेया, फर्रूखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, हरदोई, रायबरेली, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, बिजनौर, कौशांबी, प्रयागराज, चंदौली, जौनपुर, वाराणसी और महोबा शामिल हैं।
महोबा में नहीं है कोई वक्फ संपत्ति:-
वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड के अनुसार, महोबा में कोई भी वक्फ संपत्ति नहीं है, जबकि सोनभद्र में सिर्फ एक वक्फ संपत्ति दर्ज है। हालांकि, जिलास्तरीय गजट के अनुसार, महोबा में 245 और सोनभद्र में 171 वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं। इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश में कई सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड का दावा है, लेकिन कई मामलों में राजस्व रिकॉर्ड से इसका मिलान नहीं होता।