Politics: उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने दिल्ली के तुगलक लेन में स्थित अपने सरकारी आवास पर “स्वामी विवेकानंद मार्ग” लिखवा दिया। हालांकि, आधिकारिक रूप से इस सड़क का नाम अब तक नहीं बदला गया है। इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
केशव प्रसाद मौर्य का बयान:-
इस मामले पर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “दिनेश शर्मा हमारे वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने या किसी और नेता ने तुगलक रोड का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद जी का नाम लिखा है तो यह उचित कदम है। अब दिल्ली में भी ऐसे नामों को बदलने का सही समय आ गया है। अब यहां डबल इंजन की सरकार है, तुष्टीकरण वाली सरकार नहीं।”
#WATCH | लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा सांसद दिनेश शर्मा और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर द्वारा अपने-अपने तुगलक लेन आवास की नेमप्लेट बदलकर स्वामी विवेकानंद मार्ग करने पर कहा, "दिनेश शर्मा हमारे वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने अथवा किसी और नेता ने… pic.twitter.com/1knD7LPAtk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 7, 2025
अखिलेश यादव पर हमला:-
केशव मौर्य ने इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। अखिलेश यादव ने महाकुंभ में नाव चलाकर पैसे कमाने वालों का जिक्र किया था, जिस पर पलटवार करते हुए मौर्य ने कहा, “उन्हें समझना चाहिए कि अब सपा की सरकार नहीं है। जिसने नाव चलाकर व्यापार किया है, उसका जिक्र सीएम योगी ने सदन में किया था। इसका मतलब यह नहीं कि उसे अपराधों से छूट मिल गई है। कानून अपना काम करेगा।”
दिनेश शर्मा की सफाई:-
इस विवाद पर राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, “नेम प्लेट पर तुगलक लेन के साथ स्वामी विवेकानंद मार्ग लिखा गया है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। जब कोई किसी घर में जाता है, तो वहां नाम पट्टिका लगा दी जाती है। मैंने कर्मचारियों से पूछा, तो उन्होंने बताया कि गूगल पर यह स्थान विवेकानंद रोड के रूप में दिखता है। इसलिए भ्रम से बचने के लिए ऐसा लिखा गया।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि सांसद को सड़क का नाम बदलने का अधिकार नहीं होता। यह काम राज्य सरकार और नगर निकाय के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा, “मैंने न तो कोई नाम बदला है और न ही मुझे इसका अधिकार है। आस-पास के घरों पर जैसा लिखा था, पेंटर ने वैसा ही लिख दिया।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय से लोगों की मांग रही है कि आक्रांताओं के नाम पर सड़कों के नाम न हों। लेकिन इसे बदलने का अधिकार जनता के पास नहीं, बल्कि प्रशासन के पास होता है।