Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने पार्टी के संस्थापक कांशीराम की जयंती के अवसर पर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव की जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन किया है। इससे उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना है, जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बसपा ही बहुजन समाज की सच्ची हितैषी पार्टी है। उन्होंने कांशीराम की बात दोहराते हुए बहुजनों से अपने वोट की ताकत को पहचानने और सत्ता की चाबी अपने हाथों में लेने का आह्वान किया।

जातिगत जनगणना का समर्थन:- 
मायावती ने कहा कि बहुजन समाज की आबादी 80% से अधिक है और उनके हक की रक्षा के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। उन्होंने सरकार से इस दिशा में जल्द कदम उठाने की मांग की।

सामाजिक मुद्दों पर चिंता:- 
मायावती ने देश में बढ़ रहे धर्म, जाति और सांप्रदायिक विवादों पर चिंता जताई और कहा कि इन मुद्दों के चलते महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और पिछड़ेपन जैसी समस्याएं नजरअंदाज की जा रही हैं। अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया था, जिससे सपा को बड़ी सफलता मिली। अब मायावती का समर्थन मिलने से इस मुद्दे को और मजबूती मिलेगी।

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