सुबोध जायसवाल को मंगलवार को 2 साल के लिए सीबीआई का चीफ नियुक्त कर दिया गया। अगर उनके अब तक के कैरियर पर निगाह डालें तो अनुभव तरकश में पुलिसिंग से लेकर जासूसी और सुरक्षा तक के तीर नजर आते हैं। श्रीजायसवाल देश के कई बहुचर्चित मामलों की जांच कर चुके हैं।
महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी जायसवाल फिलहाल केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के महानिदेशक हैं। महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के दौरान वह मुंबई के पुलिस कमिश्नर (जून 2018 से फरवरी 2019 तक) भी रह चुके हैं। दोबारा केंद्र की ओर से प्रतिनियुक्ति पर बुलाए जाने से पहले वह महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक भी रहे। जायसवाल को इंटेलिजेंस ब्यूरों और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग में काम करने का लंबा अनुभव रहा है, खासकर रॉ में उन्होंने करीब एक दशक बिताया है, लेकिन मजे की बात ये है कि उनके पास सीबीआई में काम करने का अनुभव नहीं है।
महाराष्ट्र में बहुचर्चित तेलगी स्टांप घोटाले मामले को सीबीआई को दिए जाने से पहले इसकी जांच सुबोध जायसवाल ही कर रहे थे। इसके बाद वह राज्य के रिजर्व पुलिस बल की अगुवाई करने लगे और फिर जायसवाल महाराष्ट्र के एंटी टेरिरिज्म स्क्वाड में शामिल हो गए।
साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान इस अनुभवी अधिकारी ने महाराष्ट्र के स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो का कार्यभार संभाला। जानकारी के मुताबिक उन्होंने आतंकी हमले के बाद अमेरिकी एजेंसियों के साथ काफी करीबी से काम किया है। एनआईए को भेजे जाने से पहले एल्गार परिषद और भीमा कोरेगांव हिंसा जैसे बहुचर्चित मामलों की जांच भी सुबोध कुमार जायसवाल की निगरानी में ही हुई।