लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों पर जातिसूचक शब्दों के स्टिकर लगाकर घूमने वालों की अब खैर नहीं होगी। हाल ही में महाराष्ट्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) को पत्र भेजा था। इस खत में उन्होंने यूपी की सड़कों पर दौड़ने वाले ‘जातिवादी वाहनों’ से समाज को होने वाले खतरे के बारे में बताया था। इसके बाद पीएमओ ने यूपी सरकार को ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे।
ये है वजह
दरअसल, केंद्र सरकार को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं, जिसमें ये कहा जा रहा था कि गाड़ियों मे जातिसूचक स्टीकर लगाने का प्रचलन ज़्यादा है. जिसके सांकेतिक अर्थ एक-दूसरी जातियों को कमतर दिखाने के लिये भी किया जाता है. लिहाजा सभ्य समाज के लिये ऐसी परंपरा ठीक नहीं है. इसी के आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने यूपी सरकार को पत्र लिखकर इस प्रथा पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. इसके बाद योगी सरकार ने इस आशय के आदेश प्रदेश के सभी जनपदों के परिवहन अधिकारियों को जारी कर दिए हैं.
ये निर्देश जारी किए गए
आमतौर पर लोग अपनी गाड़ियों के नेमप्लेट पर जाट, यादव, गुर्जर, क्षत्रिय, राजपूत, पंडित, मौर्य जैसे जाति-सूचक नाम लिखवा कर चलते हैं। लेकिन, अब ऐसा करने वालों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। यूपी सरकार अब जातिसूचक स्टीकर लगे होने पर गाड़ियों को (177 एमवी एक्ट के तहत) सीज करने की कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही ऐसे वाहन मालिकों का चालान भी किया जाएगा।
इससे पहले केंद्र सरकार को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं, जिसमें ये कहा जा रहा था कि गाड़ियों मे जातिसूचक स्टीकर लगाने का प्रचलन ज़्यादा है। जिसके सांकेतिक अर्थ एक-दूसरी जातियों को कमतर दिखाने के लिये भी किया जाता है।